नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) के बगैर वाहन चलाने वालों की अब खैर नहीं है। अब आपको अपने वाहन में ईंधन डलवाते समय पेट्रोल पंप पर पीयूसी दिखानी होगी। इसके लिए दिल्ली के विभिन्न पेट्रोप पंपों के आसपास परिवहन विभाग की इंफोर्समेंट टीमों को लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
मंगलवार को कई पेट्रोल पंंपों पर टीमों ने वाहनों की पीयूसी जांच की। वैध पीयूसी नहीं होने पर 10 हजार रुपए का चालान काटा जा जा रहा है। 21 अक्टूबर से बड़े स्तर पर अभियान शुरू होगा। सुबह और शाम की शिफ्ट में 100-100 पेट्रोल पंपों पर टीमों को तैनात किया जाएगा। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार दिल्ली में 18 लाख वाहनों के पास पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं हैं। इसमें से 13 लाख से अधिक वाहन मालिकों को मोबाइल पर मैसेज भेजे गए हैं। विभाग का कहना है कि अभियान चलाने के बाद पीयूसीसी बनवाने वालों की संख्या बढ़ी जरूर है, लेकिन अभी भी बहुत से लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। जबकि पीयूसी न होने पर 10 हजार का चालान और छह माह तक की सजा है।
परिवहन विभाग ने पीयूसी प्रमाणपत्र के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए अब नया फार्मूला लागू किया है। विभाग ने सभी पेट्रोप पंप संचालकों से कहा है कि जो लोग उनके पास वाहन में ईधन डलवाने आते हैं तो उनका पीयूसी प्रमाणपत्र भी देखें। विभाग ने जनता से भी अपील की है कि ईधन डलवाने से पहले ही अपने वाहन का पीयूसी प्रमाणपत्र निकाल लें और दिखाएं। विभाग ने पेट्रोप पंप वालों से कहा है कि वे वाहन का पंजीकरण नंबर और पीयूसी प्रमाणपत्र है या नहीं इसकी डिटेल भरकर प्रतिदिन शाम को परिवहन विभाग को ऑनलाइन भेजे। पेट्रोप पंप संचालकों से कहा गया है कि पेट्रोप पंप पर स्थित सेंटर पर वे लोगों को पीयूसी प्रमाणपत्र बनवाने के लिए भी प्रेरित कर सकते हैैं। केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रदूषण पत्र नहीं दिखाना होगा।
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है तो इसे अपने अपने तरीके से रोकना हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पीयूसी जांचने के बारे में सभी पेट्रोल पंपों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि इस व्यवस्था को शुरू किया जाना है। बता दें कि प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के मामले में विभाग की सख्ती के बाद अब अगस्त की तुलना में प्रतिदिन चार गुने प्रमाणपत्र बन रहे हैं। अगस्त में प्रतिदिन 10 हजार प्रमाणपत्र बन रहे थे जो अब 41 हजार प्रतिदिन बन रहे हैं।