‘हिट एंड रन’ के नए कानून के खिलाफ आज भी हड़ताल रहेगी जारी, नागपुर के पेट्रोल पंप पर लंबी लाइनें
नई दिल्ली/नागपुर: ‘हिट-एंड-रन’ सड़क दुर्घटना मामलों (Hit & Run Case New Law) के संबंध में नए दंड कानून में प्रावधान के खिलाफ ट्रक चालकों ने जहां बीते सोमवार यानी 1 जनवरी को देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध प्रदर्शन किया गया। वाहीन आज भी इस प्रदर्शन का असर देखा जा रहा है। जी हां पूरे देश में ट्रक और डंपर चालकों ने चक्का चाम कर दिया। उनका कहना है कि ये कानून गलत है और इसे वापस लेना चाहिए। इसी मांग को लेकर मुंबई, इंदौर से लेकर दिल्ली-हरियाणा, यूपी समेत कई जगहों पर ट्रक चालकों ने अपने-अपने ट्रक सड़कों पर खड़ा कर जगह जगह जाम लगा दिया।
अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुताबिक मध्यप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और महाराष्ट्र में कई जगहों पर हड़ताल का असर दिखने लगा है। इन राज्यों की कई सड़कों पर हड़ताल की वजह से लंबा जाम लग चूका है। इतना ही नहीं इस दौरान ट्रक और डंपर चालकों ने ‘काला कानून वापस लो’ के नारे भी लगाए हैं।
लेकिन पेट्रोल पंप पर क्यों लग रही भीड़ ?
इधर इस हड़ताल के चलते कई जगहों पर पेट्रोल पंप पर लंबी लाइनें लगी हैं। खबर है कि ट्रक ड्राइवरों की ये हड़ताल तीन दिन तक चलेगी। जिसकी वजह से पेट्रोल पंप तक नहीं पहुंच पाएगा। ऐसी खबर के फैलते ही लोग पेट्रोल पंप पर पहुंचने लगे, जिससे वाहनों की लंबी लंबी कतारें लग गईं।
महाराष्ट्र में भी हालत बिगड़ी
वहीं ANI की एक रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के नागपुर में भी ‘हिट-एंड-रन’ कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन के कारण पेट्रोल-डीजल की कमी का डर लोगों को सताने लगा है। इस वजह से पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ लग चुकी है।
क्या है नए ‘हिट-एंड-रन’ कानून में
जानकारी दें कि हाल ही में भारत सरकार ने इंडियन पीनल कोड (IPC) को बदलकर भारतीय न्याय संहिता (BNS) नाम का एक नया कानून बना दिया है। इस बात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इसे हरी झंडी भी मिल चुकी है। लेकिन इसी कानून के एक प्रावधान को लेकर विरोध शुरू हो रहा है। ये प्रावधान है हिट एंड रन को लेकर। नया कानून के अनुसार अगर सड़क दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है और गाड़ी चालक मौके से फरार हो जाता है तो उसे 10 साल की सजा भी हो सकती है। साथ ही 7 लाख रुपए का जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
हालांकि पहले इस मामले में कुछ ही दिनों में आरोपी ड्राइवर को जमानत मिल जाती थी और वो बाहर आ जाता था। हालांकि इस कानून के तहत भी दो साल की सजा का प्रावधान तब भी था। लेकिन नए कानून का पहले भी ट्रक चालकों ने काफी विरोध दर्ज कराया था, लेकिन जब मोदुई सरकार ने फैसला नहीं बदला तो उन्होंने ‘हड़ताल और जाम’ का बड़ा फैसला ले लिया।