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प्रसार भारतीः सूचना व प्रसारण का सशक्त माध्यम

प्रशांत कुमार पुरुषोत्तम

पटना: जिस युग में हम जी रहें हैं,वह युग सूचनाओं का है। हर क्षण हम सभी सूचनाओं से घिरे रहते हैं। हमें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने हो या मौसम की जानकारी लेनी हो, कृषि संबधित जानकरी हो या दिन-प्रतिदिन की घटनाओं के विषय में जानना हो , सूचनाएँ हमारी मदद करती है।

इन सूचनाओं का हम तक पहुँचने के माध्यम कई है। जैसे समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, रेडियो, टेलीविजन इत्यादि। रेडियो और टेलीविजन ऐसा माध्यम है, जो सूचनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने में अपनी महत्वपूर्ण और उत्तरदायी भूमिका निभाता है। इस माध्यम के सफल संचालन और नियमन के लिए प्रसार भारती की स्थापना की गयी। प्रसार भारती बोर्ड की भूमिका संचालन और नियमन में अहम होती है।

हाल हीं 7 जुलाई 2020 को प्रसार भारती में पाँच नये अंशकालिक सदस्यों की नियुक्ति की गई है। पाँच नये सदस्यों के नाम इस प्रकार हैंः- सलीम मर्चेंट, आलोक अग्रवाल, शाइना एनसी, संजय गुप्ता और अशोक कुमार टंडन। गत कई महीनों से कुल तेरह में से नौ सीटें खाली थी।

सलीम मर्चेंट 22 नवम्बर 2021 तक प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य रहेंगे। वही आलोक अग्रवाल 21 नवम्बर 2023 तक प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य रहेंगे। शाइना एनसी 21 नवम्बर 2023 तक प्रसार भारती बोर्ड की सदस्य रहेंगी। संजय गुप्ता और अशोक कुमार टंडन 22 नवम्बर 2025 तक प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य रहेंगे।

सलीम मर्चेंट एक जानेमाने संगीतकार हैं। आलोक अग्रवाल मीडीया पेशेवर हैं। शाइना एनसी भाजपा प्रवक्ता हैं। संजय गुप्ता समाचार पत्र के प्रधान संपादक हैं और अशोक कुमार टंडन वरिष्ठ पत्रकार हैं।

हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि प्रसार भारती क्या है?

इसके बोर्ड में कौन-कौन से सदस्य होते हैं? रेडियो और टेलीविजन प्रसारन में प्रसार भारती की भूमिका क्या है?

क्या है प्रसार भारती?

प्रसार भारती एक सांविधिक स्वायत्त निकाय है। इसकी स्थापना प्रसार भारती अधिनियम के तहत् की गयी है। भारत के लोक सेवा प्रसारक की स्थापना 23-11-1997 को की गयी। यह लोक सेवा प्रसारण के उद्येश्यों को आकाशवाणी और दूरदर्शन के माध्यम से पूरा करता है।पूर्व में यह कार्य सूचना व प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत मीडिया इकाई के रूप में होता था। 23 नवम्बर 1997 से लोक सेवा प्रसारण प्रसार भारती के माध्यम से आकाशवाणी और दूरदर्शन से होने लगा। ये अब प्रसार भारती के घटक हैं।

प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य

प्रसार भारती बोर्ड के संगठनिक संरचना में अध्यक्ष, कार्यकारी सदस्य, अंशकालिक सदस्य, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रतिनिधि,ऑल इंडिया रेडियो के निदेशक जनरल और दूरदर्शन के निदेशक जनरल होते हैं। साथ हीं सदस्य(वित्त) और सदस्य (कार्मिक) शामिल हैं।अंशकालिक  सदस्यों की संख्या छः होती है।

अध्यक्ष का कार्यकलल तीन वर्ष या 70 वर्ष जो भी पहले हो, होता है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है, जो 65 वर्ष की आयु सीमा के अधीन होता है। सदस्य (वित्त) और सदस्य (कार्मिक) छह वर्ष के कार्यकाल के साथ पूरे समय के सदस्य हैं, 62 वर्ष की आयु सीमा के अधीन है। बोर्ड की बैठक एक वर्ष में 6 बार होती है, जिसकी अध्यक्षता अध्यक्ष करते हैं।

महत्ता

अब थोड़ी प्रसार भारती के घटक आकाशवाणी, दूरदर्शन, डीडी न्यूज आदि के विषय में चर्चा करते हैं। ये घटक प्रसार भारती के महत्त्व का संकेत देते हैं। पहले आकाशवाणी की चर्चा करते हैं।

आकाशवाणी भारत का लोक सेवा प्रसारक है। यह प्रसार भारती के रेडियो कार्यक्षेत्र से संबद्ध है। इसका आदर्श वाक्य ” बहुजन हिताय बहुजन सुखाय ” है, जो ऋग्वेद उक्ति है। यह सूत्रवाक्य त्रिपिटक के विनयपिटक में भी मिलता है। इस आदर्श वाक्य का अर्थ होता है- “अधिकाधिक लोगों के हित के लिए एवं अधिकाधिक लोगों के सुख के लिए।” आकाशवाणी सूचित कर, शिक्षित और मनोरंजन कर श्रोताओं की सेवा कर रहा है।

आकाशवाणी की गृह सेवा में पूरे भारत में 470 प्रसारण केंद्र स्थापित हैं। इन प्रसारण केन्द्रों का आवरित क्षेत्रफल भारत का 92 प्रतिशत है, जबकि जनसंख्या के लिहाज से 99.19 प्रतिशत है। 23 भाषाओं और 179 बोलियों में आकाशवाणी अपने कार्यक्रम का प्रसारण करता है। प्रसार भारती का रेडियो समाचार नेटवर्क भी है। इस नेटवर्क को आकाशवाणी का समाचार सेवा प्रभाग के नाम से जाना जाता है।

समाचार सेवा प्रभाग देश और विदेशों में श्रोताओं के लिए समाचार और चर्चा का प्रसारण करता है। बीसवी सदी के तीसरे-चौथे दशक में 27 समाचार बुलेटिनों का प्रसारण आकाशवाणी के माध्यम से होता था। वर्तमान में गृह, क्षेत्रीय और विदेश सेवा में 82 भाषाओं और बोलियों में लगभग 52 से अधिक बुलेटिनों को प्रतिदिन प्रसारित किया जाता है।   

दूरदर्शन देश का सार्वजनिक सेवा टेलीविजन नेटवर्क है,जिसका आदर्श वाक्य है – “सत्यम् शिवम सुन्दरम्”।

दूरदर्शन ने अपने एनालॉग ट्रांसमीटरों को डिजिटल ट्रांसमीटरों में बदलना शुरू कर दिया है, जिसमें एक ट्रांसमीटर से 8 चैनलों तक ले जा सकते हैं। दूरदर्शन की तीन स्तरीय कार्यक्रम सेवाएं हैं – राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय। राष्ट्रीय कार्यक्रम पूरे राष्ट्र के लिए घटनाओं और हितों के मुद्दों पर जोर देते हैं। इन कार्यक्रमों में समाचार, करंट अफेयर्स, पत्रिका कार्यक्रम और विज्ञान, कला, संस्कृति, पर्यावरण, सामाजिक मुद्दे, धारावाहिक, संगीत, नृत्य, नाटक और फीचर फिल्मों पर वृत्तचित्र शामिल हैं।

इसके अलावा डीडी न्यूज जैसे घटक दूरदर्शन का समाचार नेटवर्क है। डीटीएच की सुविधा प्रसार भारती के उद्येश्यों को पूरा करने में अहम् योगदान दे रही है।

निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि नव भारत के निर्माण में,विचारों को समृद्ध करने मे प्रसार भारती का अतुलनीय योगदान है। यह नित – प्रतिदिन नयी – नयी गाथा लिखने की ओर अग्रसर है।
प्रशान्त कुमार पुरुषोत्तम

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