नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2022-23 के स्नातक कोर्सेज में दाखिले की राह थोड़ी कठिन हो सकती है। मेरिट में एनटीए की ओर से जारी सीयूईटी के नॉर्मलाइज्ड स्कोर के एक-एक अंक का महत्व होगा। किसी भी छात्र का सीयूईटी नॉर्मलाइज्ड स्कोर सात अंकों का है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2022-23 के स्नातक कोर्सेज में दाखिले की राह थोड़ी कठिन हो सकती है। मेरिट में एनटीए की ओर से जारी सीयूईटी के नॉर्मलाइज्ड स्कोर के एक-एक अंक का महत्व होगा। किसी भी छात्र का सीयूईटी नॉर्मलाइज्ड स्कोर सात अंकों का है। विवि इन सातों अंकों को मेरिट लिस्ट की गणना के लिए इस्तेमाल करेगा। ऐसे में एक-एक अंक पर छात्र एक दूसरे को टक्कर देंगे। ऐसे में यह भी संभव है कि एक-एक सीट पर कई आवेदक दावेदारी करेें।
डीयू के दाखिले से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, जो सात अंकों का सीयूईटी नॉर्मलाइज्ड स्कोर है। उसमें दशमलव केबाद के अंकों की भी उतनी ही महत्ता है, जितनी पहले के अंकों की है। मसलन, यदि किसी का स्कोर 661.1651500 है तो इसमें दशमलव के बाद जितने अंक हैं उनको भी मेरिट बनाते समय ध्यान में रखा जाएगा। इससे मामूली अंतर से किसी की सीट आवंटित भी हो सकती है या नहीं हो सकती है। सीयूईटी की परीक्षा अलग-अलग शिफ्ट व स्लॉट में हुई थी।
एक ही विषय की परीक्षा किसी केलिए पहली शिफ्ट में थी या किसी अन्य दिन की किसी शिफ्ट में थी। अलग-अलग शिफ्ट में परीक्षा होने के कारण किसी शिफ्ट में एक ही विषय का पेपर किसी केे लिए आसान तो किसी के लिए काफी कठिन रहा था। ऐसे में सभी छात्रों के हित में एनटीए ने अंकों के नॉर्मलाइजेशन का फॉर्मूला अपनाया। इससे अंकों का नॉर्मलाइजेशन हो गया और वहीं सीयूईटी नॉर्मलाइज्ड स्कोर जारी किया गया।
डीयू को इसी स्कोर के आधार पर मेरिट तैयार करनी है। यह छात्र के कॉलेज व कोर्स के विकल्पों के आधार पर होगी। मालूम हो कि बीते साल तक छात्रों के बारहवीं के अंकों के आधार पर कॉलेज की ओर से कट ऑफ जारी की जाती थी। जबकि इस बार कट ऑफ का खेल खत्म हो गया और एंट्रेस के आधार पर सीयूईटी स्कोर जारी किया गया और इस स्कोर से ही छात्र की मेरिट तैयार की जानी है।
दाखिला प्रक्रिया और मेरिट को लेकर भ्रम नहीं
डीयू के श्रद्घानंद कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो प्रवीण गर्ग के अनुसार, दाखिले और मेरिट को लेकर कोई भ्रम नहीं है। लिहाजा छात्रों को भी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। छात्रों को ध्यान रखना चाहिए कि छात्र को सीट मेरिट के आधार पर आवंटित की जाएगी। जिसके बाद कॉलेज छात्रों को दस्तावेजों के सत्यापन के लिए बुलाएंगे। सत्यापन सही होने पर कॉलेज की ओर से दाखिला मंजूर कर दिया जाएगा, जिसके बाद छात्र को तय समय में फीस का भुगतान करना होगा।
डीयू की सीटों से डेढ़ गुणा ज्यादा पंजीकरण
दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नात्तक कोर्सेज में दाखिले के लिए जारी पंजीकरण की रेस में महज पांच दिन में ही सीटों से डेढ़ गुणा ज्यादा पंजीकरण हो गए हैं। डीयू में स्नात्तक कोर्सेज की करीब 70 हजार सीटें हैं। जिन पर शनिवार शाम तक 1, 10, 622 पंजीकरण हो चुकेथे। सीयूईटी रिजल्ट आने के बाद लगातार यह संख्या बढ़ रही है। बुधवार(15 सितंबर) को जहां यह संख्या 62, 356 थी। वहीं 16 सितंबर रिजल्ट जारी होने के बाद यह संख्या 93, 465 पहुंच गई थी। मालूम हो कि अभी पंजीकरण कराने के लिए छात्रों के पास 10 अक्तूबर तक का समय है। जबकि 26 अक्तूबर से कोर्स व कॉलेज चयन वरीयता भरने की प्रक्रिया का चरण शुरू हो जाएगा।
मेरिट की गणना चार विषयों के अंकों को जोड़कर
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से सीयूईटी का रिजल्ट जारी किया जा चुका है। अब छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले का इंतजार है। हालांकि छात्र सीयूईटी स्कोर कार्ड में दिए गए पर्सेंटाइल अंकों व नार्मालाइज्ड अंकों में उलझे हुए हैं। छात्रों को पर्सेंटाइल अंकों में उलझने की जरूरत नहीं है। डीयू में पहले की तरह छात्रों के सर्वश्रेष्ठ चार विषयों के अंकों को ही देखा जाएगा।
डीयू की मेरिट चार विषयों के सीयूईटी में प्राप्त नार्मलाइज्ड अंकों को जोड़ कर तैयार की जाएगी। जिन कोर्सेज के पात्रता मानदंड एक समान होंगे, उनके लिए कॉमन मेरिट लिस्ट जारी होगी। डीयू डीन दाखिला डॉ हनीत गांधी के अनुसार, किसी एक कोर्स या ग्रुप ऑफ कोर्स की मेरिट की केलकुलेशन छात्रों द्वारा उस कोर्स में प्राप्त किए सर्वश्रेष्ठ चार विषयों के नॉर्मलाइज्ड अंकों को जोड़ कर तैयार होगी। डीयू में अधिकतर प्रोग्राम में दाखिले के लिए एक भाषा व चार एकेडेमिक विषयों को ही मेरिट का आधार बनाया जाएगा। सीयूईटी में दिए गए जनरल टेस्ट को बीए प्रोग्राम व बीकॉम में माना जाएगा। छात्र के लिए जरूरी है कि कोर्स व कॉलेज का चयन करने से पहले उस कोर्स के पात्रता मानदंड व अपना सीयूईटी स्कोर जरूर चेक करे। पंजीकरण प्रक्रिया व कॉलेज व कोर्स चयन प्रक्रिया 10 अक्तूबर को समाप्त हो जाएगी।
इसके बाद डीयू के पास सभी आवेदकों का डेटा होगा। इस डेटा में कोर्स व कॉलेज की वरीयता व सभी विषयों का सीयूईटी स्कोर भी होगा। छात्र को जिस कोर्स में दाखिला चाहिए, उसके लिए जिन विषयों की जरूरत है। उन चार बेस्ट फोर विषयों के नॉर्मलाइज्ड अंकों को जोड़ा जाएगा और मेरिट तैयार होगी।