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31 अगस्त तक ऐसे हमले हो सकते हैं: US

अफगानिस्तान के काबुल में हुए आतंकी हमले के बाद पूरी दुनिया चौकन्नी है. काबुल एयरपोर्ट से अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है, ऐसे में तमाम देशों की सेनाएं सतर्क हैं. लेकिन अभी भी काबुल में खतरा कम नहीं हुआ है. अमेरिकी सेना का मानना है कि आने वाले दिनों में इस तरह के हमलों की संख्या बढ़ सकती है, जो रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान काफी चुनौतीपूर्ण होगा.

अमेरिकी सेना के जनरल फ्रैंक मैकेंजी के मुताबिक, काबुल में एयरपोर्ट पर अभी और भी खतरनाक हमले हो सकते हैं. क्योंकि 31 अगस्त तक कई देशों ने अपने लोगों को निकालने की बात कही है, ऐसे में बाकी बचे 3-4 दिनों में इस तरह के हमले लगातार हो सकते हैं.

काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ISIS- खुरासान ने ली है. हमले के तुरंत बाद उनकी ओर से हमलावर की तस्वीर साझा करते हुए इस बात का ऐलान कर दिया गया. ISIS-K ने हमले को लेकर बताया कि हमारे हमलावर ने तालिबान के लड़ाकों की सुरक्षा में सेंध लगाई और अमेरिकी सैनिकों के पास जाकर हमला किया.

ISIS-K लगातार अमेरिका और तालिबान के बीच हुई शांति डील के खिलाफ रहा है, ऐसे में इस हमले को उसी से जोड़ा जा रहा है. जिसमें उसने अमेरिका के साथ-साथ तालिबान को भी नुकसान पहुंचाया है. बता दें कि गुरुवार सुबह ही अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन द्वारा अपने नागरिकों के लिए एक अलर्ट जारी किया गया था. इन्होंने अपने नागरिकों से काबुल एयरपोर्ट से दूर रहने को कहा था और शक जताया था कि काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमला हो सकता है.

अलर्ट में साफ कहा गया था कि आतंकियों द्वारा एयरपोर्ट पर भीड़ वाले इलाके को निशाना बनाया जा सकता है, ताकि रेस्क्यू ऑपरेशन को किसी भी तरह रोका जा सके. हालांकि, इस अलर्ट के बावजूद अमेरिका ना तो हमला रोकने में सफल रहा और ना ही अपने सैनिकों को बचा पाया.

काबुल में अमेरिका के कार्यकारी एम्बेसडर रॉस विल्सन द्वारा एक इंटरव्यू में हमले से एक दिन पहले ही बताया गया था कि काबुल एयरपोर्ट को लेकर खतरा बना हुआ है. इसी के बाद अमेरिका ने अपने नागरिकों को चेतावनी दी थी. ऐसे में अब अमेरिका में सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब अमेरिका को इस बात की जानकारी मिल गई थी, तब कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एक बयान में कहा गया कि काबुल में जिन अमेरिकी सैनिकों ने जान गंवाई है, वह उन्हें सैल्यूट करते हैं और अपनी श्रद्धांजलि देते हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस हादसे को कभी नहीं होने देने चाहिए था, जो हुआ वह गलत हुआ है.

अमेरिकी सीनेटर जॉश हॉवली द्वारा काबुल में हुए आतंकी हमले में गई अमेरिकी सैनिकों की जान के लिए जो बाइडेन को जिम्मेदार ठहराया गया है. रिपब्लिकन लीडर एलिस स्टेफेनिक द्वारा भी ट्वीट किया गया कि जो बाइडेन इन मौतों के लिए जिम्मेदार हैं.

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