सूडान ने अमेरिका से सूडान संकट पर संतुलित दृष्टिकोण रखने का किया आग्रह
खार्तूम: सूडानी विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी सरकार से सूडानी संकट के प्रति अपनी स्थिति सही करने और सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) की तुलना “आतंकवादी मिलिशिया” से नहीं करने का आह्वान किया है। शनिवार को एक बयान में, मंत्रालय ने खार्तूम में अमेरिकी राजदूत जॉन गॉडफ्रे के एक सोशल मीडिया पोस्ट की आलोचना की। इसमें उन्होंने दोनों युद्धरत दलों, एसएएफ और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) को “लड़ाकू” और शासन करने के अयोग्य कहा था। बयान में कहा गया, “विदेश मंत्रालय अमेरिकी राजदूत और उनके देश की सरकार से इस असंतुलित और दोषपूर्ण स्थिति को सुधारने की उम्मीद करता है।”
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने यह भी कहा कि अमेरिकी राजदूत को ऐसे बयानों से बचना चाहिए जो राजनयिक मानदंडों के विपरीत हैं और सूडान को संकट से बाहर लाने में मदद नहीं करते हैं। शुक्रवार को, गॉडफ्रे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, पर दोनों पक्षों से सूडान में एक नागरिक संक्रमणकालीन सरकार को सत्ता हस्तांतरित करने का आह्वान किया।
अमेरिकी राजनयिक ने कहा, “सूडानी लोगों द्वारा निर्मित भविष्य तभी हो सकता है जब नागरिकों की सुरक्षा बहाल की जाएगी। येे युद्धरत पक्ष शासन करने के लिए उपयुक्त नहीं हैं, संघर्ष को समाप्त करना चाहिए और एक नागरिक संक्रमणकालीन सरकार को सत्ता हस्तांतरित करनी चाहिए।” सूडानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सूडान में 15 अप्रैल से खार्तूम और अन्य क्षेत्रों में एसएएफ और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच घातक सशस्त्र झड़पें हो रही हैं। इसमें तीन हजार से अधिक लोग मारे गए और छह हजार से अधिक घायल हुुए। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि अब तक चार मिलियन से अधिक लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं।