लुधियाना: शुक्रवार को देर रात रेलवे स्टेशन देखते ही देखते पुलिस छावनी में तबदील हो गया। रेलवे स्टेशन पर पहुंची पुलिस टीमों ने पहुंचते ही एकदम चैकिंग शुरू कर दी और टेशन पर ठहरी हुई ट्रेनों में सवार यात्रियों के समान की भी जांच की। ए.डी.सी.पी.-1 रूपिंदर कौर सरां की अगुवाई में चले इस तलाशी अभियान के दौरान टीमों ने प्लेटफार्म नंबर 1 से लेकर 7 तक करीब 2 घंटे गहनता से चैकिंग की।
इस तलाशी अभियान में ए.सी.पी. सुमित सूद, थाना सलेम टाबरी के इंस्पैक्टर हरजीत सिंह, थाना कोतवाली के इंचार्ज गगनदीप सिंह, थाना दरेसी के इंस्पैक्टर बलविंदर सिंह, थाना डिवीजन नंबर 4 के इंस्पैक्टर गुरजीत सिंह, थाना डिवीजन नंबर 2 के इंस्पैक्टर अमृतपाल शर्मा, थाना बस्ती जोधेवाल के इंस्पैक्टर गुरबख्श सिंह, थाना डिवीजन नंबर-3 के इंस्पैक्टर कुलदीप सिंह के अलावा करीब 70 पुलिस मुलाजिम, रेलवे सुरक्षा बल और जी.आर.पी. के मुलाजिम शामिल थे। हालांकि इससे पहले दोपहर को भी ए.सी.पी. साइबर क्राइम राजकुमार की अगुवाई में भी तलाशी अभियान चलाकर रेलवे स्टेशन पर चैकिंग की गई थी लेकिन देर रात एक बार फिर अधिकारियों की तरफ से स्पैशल चैकिंग की गई। सूत्रों का कहना है कि पुलिस को कोई विशेष सूचना मिली थी, लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई भी पुष्टि नहीं की गई। पुलिस का कहना है कि यह रूटीन चैकिंग थी ।
ए.डी.सी.पी. रूपिंदर कौर सरां ने बताया कि कोरडोन एंड सर्च आप्रेशन के चलते ही रेलवे स्टेशन पर सर्च अभियान जारी था। इस दौरान जोन ए के अधिकारियों की टीम शामिल थी। टीमों ने रेलवे प्लेटफार्म के अलावा रेलवे परिसर व माल गोदाम में भी चैकिंग की है। प्लेटफार्म नंबर 1 पर जम्मू से दिल्ली की तरफ जाने वाली ट्रेन की भी गहनता से जांच की गई है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध दिखाई देने वाले लोगों को रोककर उनसे पूछताछ भी की गई है ।
अभी भी धक्का-मुक्की जारी : नहीं कम हो रहा रश, आम्रपाली अभी भी फुल
रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों में सवार होने के लिए यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। देर रात रेलवे स्टेशन पर पहुंची बिहार की तरफ जाने वाली ट्रेन में सवार होने वाले यात्री धक्का-मुक्की करते हुए दिखाई दिए। स्लीपर व जनरल डिब्बों में सवार होने के लिए यात्रियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही थी।इसी तरह से आम्रपाली एक्सप्रैस अभी पूरी तरह से फुल चल रही है । कारण है कि ट्रेन के साथ केवल 4 स्लीपर व 2 जनरल कोच हैं जो कि पहले 10 के करीब थे रेलवे विभाग की तरफ से इस रूट की अन्य कुछ ट्रेनों को रद्द भी कर दिया गया है। स्पेशल ट्रेनें हर रोज नहीं होती, जबकि यह ट्रेन हर रोज चलती है, यही कारण है कि इसमें फुल रश रहता है ।