चंडीगढ़/नरेंद्र जग्गा पूर्व सांसद व भाजपा नेता सुनील जाखड़ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल सहित ‘आप’ पार्टी लीडरशिप द्वारा पराली के मुद्दे पर अपनाए जा रहे दोहरे चरित्र के सवाल उठाते हुए कहा है कि पंजाब की ‘आप’ सरकार द्वारा समय पर पराली प्रबंधन के लिए कोई यत्न नहीं किया गया है। यहां जारी किए गए ब्यान में जाखड़ ने कहा कि एक साल पहले तक दिल्ली के मुख्यमंत्री पंजाब की तत्तकाली सरकार व पंजाब के किसानों को पराली के धुएं के लिए जिम्मेवार बताकर पंजाब सरकार पर सारा दोष दे रहे थे जबकि जब अब उनकी अपनी सरकार पंजाब में बन गई है और कुछ करके दिखाने की बारी उनकी अपनी पार्टी पर आई तो उनके बोल बदल गए हैं।
जाखड़ ने कहा कि आप लीडरशिप सिर्फ झूठे आरोप लगाने में विश्वास करती है जबकि हकीकत तौर पर इसकी सरकार कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा पराली प्रबंधन के लिए मशीनें उपलब्ध करवाने के लिए फंड मुहैया करवाए जाने के बावजूद पंजाब के किसानों को समय पर ना तो मशीनें मुहैया करवाई गई और ना ही जो मशीनें उपलब्ध हैं उनका सही प्रयोग किया गया इसलिए कोई कार्ययोजना निचले स्तर पर बनाई गई है।
जाखड़ ने आगे कहा कि सरकार द्वारा अपने स्तर पर की जाने वाली योजनाबंदी तो की नहीं गई बल्कि अब नंबरदारों व छोटे अधिकारियों को पराली जलाने के लिए जिम्मेदार ठहरा कर सरकार अपनी गलतियों का बोझ किसी अन्य पर डालने का प्रयास कर रही है। भाजपा नेता ने दिल्ली सरकार के इश्तिहारबाजी स्टंट पर तंज करते हुए कहा कि पिछले दो सालों में दिल्ली सरकार ने दिल्ली के किसानों को डिकंपोजर के साथ पराली प्रबंधन के लिए 68 लाख रुपए खर्च किए पर इस सबंधी की गई इश्तिहारबाजी पर 23 करोड रुपए खर्च कर दिए। उन्होंने कहा कि हालांकि डिकंपोजर तकनीक दिल्ली में भी पूरी तरह फेल हो चुकी है और पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी ने भी अभी तक इसकी कोई सिफारिश नहीं की फिर सरकारी पैसे को इसके प्रचार के लिए क्यों पानी की तरह बहाया गया।
उन्होंने कहा कि अच्छा हो अगर पंजाब व दिल्ली की ‘आप’ सरकारें असली मुद्दों को समझ कर किसानों को सही मार्गदर्शन देने व केन्द्र सरकार द्वारा भेजे फंडों के साथ समय पर किसानों को मशीनें उपलब्ध करवायें ताकि जो किसान भाई पराली को बिना जलाए संभाल कर सकें। आप सरकार द्वारा जो काम किया जाना चाहिए उससे भागकर ‘आप’ नेता अपनी नाकामियों का ठिकरा विपक्ष पर फोडऩे की अपनी पुरानी आदत पर काम कर रहे हैं जबकि सूझवान लोग अब इनकी चालों को बखूबी समझ चुके हैं। उन्होंने पंजाब में निचले स्तर पर प्रशासनिक ढांचा बिखर जाने पर भी सवाल उठाया और कहा कि सरकार का प्रबंध कमजोर होने के कारण लोगों को इसकी सजा भुगतनी पड़ रही है।