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ज्ञानवापी परिसर में स्थित ‘शिवलिंग’ की पूजा की इजाजत नहीं-सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने की बात करते हुए याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से शिवलिंग की पूजा अर्चना की इजाजत मांगी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। इसके बाद एक अन्य अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की इजाजत दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में भी सुनवाई से इनकार कर दिया।

मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने पहले अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी की अर्जी पर सुनवाई की।याचिका में वाराणसी कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें निचली अदालत ने हिंदू पक्षकारों की याचिका पर विचार किए जाने पर सवाल उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पहले वह वाराणसी कोर्ट के फैसले का इंतजार करेगा ऐसे में हम याचिका पर सुनवाई को अक्टूबर के हफ्ते के लिए टालते हैं।

क्या है मामला
13 मई को यूपी के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर के सर्वे पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से याचिका दायर करने वाले वकील हुजेफा अहमदी ने कहा था कि वाराणसी स्थित उक्त परिसर में सर्वे का जो आदेश दिया गया है उसके खिलाफ उनकी अर्जी है।

याचिकाकर्ता ने उक्त संपत्ति के संबंध में जो सर्वे का आदेश दिया गया है उस पर यथास्थिति बनाए रखने की गुहार लगाई और कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद काफी पुराना है और पुरातन काल की मस्जिद है। इस तरह यह सर्वेक्षण पूजा स्थल एक्ट के तहत निषेध है। वाराणसी कोर्ट ने कुछ हिंदुओं की अर्जी पर सर्वे का आदेश पारित किया है। महिलाओं के एक समूह की ओर से याचिका दायर कह कहा है कि मस्जिद की बाहरी दीवार पर मौजूद हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों की रोज पूजा करने की अनुमति दी जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कहा कि पहले निचली अदालत का फैसला आएगा फिर हम याचिका पर विचार करेंगे और सुनवाई टाल दी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को टेकअप किया जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा था कि सर्वे में शिवलिंग मिला है जिसके पूजा अर्चना की इजाजत दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। इसके बाद एक अन्य अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की इजाजत दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में भी सुनवाई से इनकार कर दिया।

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