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3 महीने की बच्ची से रेप-हत्या के आरोपी को 15 दिन में मौत की सजा, भड़का सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रेप और हत्या के एक आरोपी की मौत की सजा रद्द कर दी। अब मामले को दोबारा ट्रायल कोर्ट को भेज दिया गया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि आरोपी को जल्दबाजी में दोषी करार दिया गया था और उसे अपने बचाव का पर्याप्त मौका तक नहीं दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने ट्रायल कोर्ट की कड़ी आलोचना भी की।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी को खुद के बचाव का मौका भी नहीं दिया। ट्रायल कोर्ट ने बहुत जल्दबाजी में मामले की सुनवाई की। इसलिए मामले को दोबारा ट्रायल कोर्ट भेजा जा रहा है, ताकि आरोपी को अपने बचाव का पर्याप्त मौका मिल सके। साथ ही शीर्ष अदालत ने ये भी आदेश दिया कि ट्रायल कोर्ट में दोबारा सुनवाई के दौरान आरोपी को अपना पक्ष रखने के लिए एक सीनियर एडवोकेट भी मुहैया कराया जाए।

मामला साल 2018 का है। 3 महीने की बच्ची से रेप और हत्या के एक आरोपी को ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। ट्रायल कोर्ट ने ये सजा महज 15 दिनों के अंदर आरोपी को दोषी करार देते हुए सुना दी थी। इसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा, जहां हाईकोर्ट ने भी ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। इसके बाद इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। बार और बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान संज्ञान में आया कि घटना 20 अप्रैल 2018 को हुई थी और पुलिस ने इस मामले में हफ्ते भर के भीतर चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी। इसके बाद 27 अप्रैल 2018 को ट्रायल शुरू हुआ और 12 मई को आरोपी को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुना दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये भी राय रखी कि न्यायालय के सामने जो दस्तावेज पेश किए गए हैं, उससे यह साबित नहीं होता है कि आरोपी के वकील को उसके बचाव के लिए पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध कराए भी गए थे या नहीं।

हाईकोर्ट पर भी SC ने जताई नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने आरोपी को कुछ मेडिकल रिपोर्ट्स को चुनौती देने की इजाजत नहीं दी। यह भी गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को इस तरीके से ट्रीट किया जैसे उसके पास अपने बचाव के लिए कोई जादुई छड़ी हो और फौरन उसे पेश कर देगा। उसे पर्याप्त मौका नहीं दिया गया।

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