नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए कॉलेजियम ने दो जजों के नाम की सिफारिश सरकार को भेजी है। दोनों जजों में से एक जस्टिस सुधांशु धूलिया इस समय गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं, वहीं दूसरे जस्टिस जमशेद बुरजोर पारदीवाला हैं, जो अभी गुजरात हाईकोर्ट में जज हैं। अगस्त 10 1960 को लैंसडाउन में जन्मे जस्टिस धूलिया उत्तराखंड हाईकोर्ट से हैं और सुप्रीम कोर्ट आने वाले वह उत्तराखंड के दूसरे जज बन गए हैं। इससे पूर्व जस्टिस पीसी पंत सुप्रीम कोर्ट में जज रह चुके हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा देहरादून और इलाहाबाद से पूरी की। वह सैनिक स्कूल लखनऊ के छात्र भी रहे हैं।
जस्टिस धूलिया जिला पौड़ी के दूरस्थ मदनपुर गांव से
जस्टिस धूलिया जिला पौड़ी के दूरस्थ मदनपुर गांव से हैं। उनके दादा बीडी धूलिया स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। उन्होंने कोटद्वार से एक साप्ताहिक अखबार कर्मभूमि निकाला था, जिसने स्वतंत्रता के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। जस्टिस धूलिया के पिता केसी धूलिया इलाहाबद हाईकोर्ट में जज रहे चुके हैं। उनके दो भाई हैं, एक प्रख्यात फिल्म निदेशक तिग्मांशू धलिया और बड़े भाई हिमांशु धूलिया हैं, जो नेवी से रिटायर हुए हैं।
जस्टिस धूलिया ने 1986 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत शुरू की थी और 2000 में नया राज्य बनने के बाद उत्तराखंड आ गए। वह 2004 में वह वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किए गए और 2008 में उन्हें हाईकोर्ट में जज बनाया गया। इसके बाद जनवरी 2021 में वह गुवाहाटी हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बनाए गए। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट में जजों के स्वीकृत 34 पदों में से 2 खाली हैं। यदि सरकार इन सिफारिशों को मान लेती है तो 2028 में जस्टिस पारदीवाला देश के मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं। उनका कार्यकाल दो साल से ज्यादा का हो सकता है।