नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल साबित होगा वरदान
नारायणपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के प्रत्येक बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किये गये है। इसका मूल उद्देश्य राज्य के गरीब से गरीब बच्चे को भी निजी स्कूलों की तरह अच्छी सुविधाएं दिलाते हुए अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर उन्हें भावी प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करना है, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में अवसरों की असमानता को दूर किया जा सके और शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ावा दिया जा सकें। इसके लिए नारायणपुर जिले के सिंगोड़ीतराई में स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय प्रारंभ किया गया है। जहां निजी विद्यालयों के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ खेल-कूद और अन्य गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।
वर्तमान में इस विद्यालय में प्रथम वर्ष में शाला में कुल 325 (262 अंग्रेजी माध्यम, 63 हिन्दी माध्यम) के छात्र छात्राओं ने प्रवेश लिया। शैक्षणिक सत्र 2021-22 में कुल 392 छात्र अध्ययनरत है। संस्था में छात्रों के लिए कम्प्यूटर लेब, सांइस लेब, लाइब्रेरी, वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध है, शिक्षा के साथ-साथ खेल में भी छात्रों की रूची बढ़ाने के लिए इंडोर तथा आउटडोर गेम्स की सुविधा उपलब्ध है। नारायणपुर जिले की विषम भौगोलिक परिस्थिति के कारण यहां निजी स्कूली की संख्या नहीं के बराबर थी। नक्सल प्रभावित एवं पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण यहां के मध्यमवर्गीय परिवार ज्यादा खर्च होने के कारण निजी विद्यालयों में अपने बच्चों को पढ़ाने में समक्ष नहीं थे। ऐसे समय में नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल किसी वरदान से कम नहीं है।
शाला के प्राचार्य ने बताया कि स्कूल में बच्चों के समग्र शिक्षा हेतु आधारभूत सुविधाएं जैसे विशाल खेल परिसर, अत्याधुनिक पुस्तकालय, सुसज्जित साइंस लैब, अत्याधुनिक अध्ययन कक्ष एवं स्मार्ट क्लास विद्यमान है। बच्चों के शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक शिक्षा से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम शाला स्तर पर आयोजित जाते हैं। स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय योजना मुख्यमंत्री के अभिनव योजनाओं मे से एक है। वर्तमान की आवश्यकता के अनुरूप बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने में स्वामी आत्मानंद स्कूल का अहम योगदान है। इसी कड़ी में जिले के इस विद्यालय को नया कलेवर प्रदान कर सर्व-सुविधाओं के साथ इस स्कूल का संचालन किया जा रहा है। स्कूल के परिवेश को इस तरह विकसित किया जा रहा है, जिससे हर बच्चा अपने व्यक्तित्व का चहुंमुखी विकास कर सकें।