SYL पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राजनीति न करे कोई : मनोहर लाल
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सतलुज यमुना लिंक (एसवाइएल) नहर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कहा है कि इसे लागू करने की जिम्मेदारी अब दोनों राज्यों की सरकारों की है । यह नेचुरल जस्टिस है और इस पर किसी को राजनीति नहीं करनी चाहिए ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति अब पंजाब सरकार को वह टर्मिनेशन एक्ट वापस लेने के लिए कह सकते हैं जो 2004 में पंजाब विधानसभा में हरियाणा के खिलाफ पारित किया गया था । इस एक्ट में तमाम जल समझौते रद्द कर दिए गए थे । मनोहर लाल ने कहा कि पानी के बंटवारे का निर्णय पहले ही हो चुका है। हरियाणा को उतना ही पानी मिलेगा जितना निर्णय पहले हो चुका । अब इस निर्णय को लागू किया जाना बाकी है।
पढ़ें : SYL पर फैसला जो मर्जी हो किसी को पंजाब में घुसने नहीं देंगे : सुखबीर बादल
उधर, हरियाणा के अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को जनहित वाला बताया। कहा कि फैसला भले ही लेट आया है, लेकिन यह हरियाणा के पक्ष में है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह संविधान की जीत है। इस फैसले को तुरंत लागू किया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को फैसले का स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब के नेताओं को अब अपनी राजनीतिक जिद छोड़कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का तल्काल लागू करना चाहिए। भाजपा के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि फैसला हरियाणा की जीत है। पंजाब सरकार को फैसले पर राजनीति न करते हुए इसे लागू करने में मदद करनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने कहा कि एसवाइएल के पानी पर हरियाणा का पूरा हक है। उन्होंने पंजाब को बड़ा भाई बताते हुए कहा कि पंजाब को बड़े मन से हरियाणा को उसके हक का पानी देना चाहिए, लेकिन पंजाब का नेतृत्व छोटी मानसिकता का परिचय दे रहा है। फिलहाल हरियाणा के हक का पानी बहकर पाकिस्तान जा रहा है।