SYL पर हरियाणा में राजनीति तेज, कैबिनेट और कांग्रेस की बैठक आज
जेएनएन, चंडीगढ़। एसवाइएल पर हरियाणा की राजनीति में गर्माहट आ गई है। हरियाणा सरकार सभी विपषी दल भी इस पर अपनी रणनीति बनाने में जुअ गए हैं। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय सुनाने के बाद आज पंजाब के रुख पर हरियाणा में बैचेनी के संग नाराजगी भी है। इस मसले पर आगे की रणनीति बनाने के लिए आल राज्य मंत्रिमंडल की बैठक होगी। दूसरी अोर, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाला कांग्रेस का गुट भी बैठक कर इस मामले पर रणनीति बनाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर के गुट ने सोमवार को इस मुद्दे पर बैठक की थी।
कैबिनेट की बैैठक में एसवाइएल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तेजी से बदलते हालात में राज्य की कानून व्यवस्था के साथ ही पंजाब से अपने हिस्से का पानी लाने के तरीकों पर विचार किया जाएगा। इसमें केंद्र के माध्यम से पंजाब पर दबाव बनाना मुख्य है। साथ ही हरियाणा दिवस पर सीएम द्वारा की घोषणाओं पर कैबिनेट की मंजूरी ली जाएगी।
एसवाइएल पर हरियाणा और पंजाब में बढ़ रही तनातनी के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखना अहम है। हरियाणा सरकार के इशारे पर पहले ही पंजाब जाने वाली बसों की संख्या 50 फीसद तक घटा दी गई है। सियासी दलों की अति सक्रियता के कारण कहीं हालात काबू से बाहर न हो जाएं, इस पर विशेष विचार किया जाएगा। साथ ही गीता जयंती पर आयोजित किए जा रहे समारोहों पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।
प्रदेश सरकार पहली बार गीता जयंती समारोह का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करने जा रही है। इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा पूर्व में की गई 13 घोषणाओं की प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा के साथ ही डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने का फैसला हो सकता है। बैठक में पूर्व सैनिकों के लिए अलग डिपार्टमेंट और हरियाणा पुलिस सेवा नियमों पर मुहर लगने की पूरी संभावना है।
निर्णायक लड़ाई की तैयारी में सियासी दल
एसवाइएल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में सियासत तेज हो चली है। इस पर सोमवार को जहां इनेलो ने चंडीगढ़ तो कांग्रेस ने गुरुग्राम में बैठक कर प्रदेश सरकार से एसवाइएल पर तेजी से काम करने की बात कही। विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला की अध्यक्षता में हुई इनेलो विधायक दल की बैठक में यहां तक कह दिया गया कि यदि तीन माह में सरकार ने एसवाइएल पर कोई काम नहीं किया तो इनेलो विधायक खुद पंजाब में नहर की खोदाई का काम शुरू कर देंगे।
इस दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने का निर्णय भी लिया गया। इस बैठक में सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किए गए। क्योंकि दोनों दलों के पंजाब के नेता एसवाइएल पर हरियाणा के पक्ष में आए फैसले की खिलाफत कर रहे हैं। वहीं बैठक से नदारद रहे हरियाणा में शिरोमणि अकाली दल (बादल) के एकमात्र विधायक बलकौर सिंह भी एसवाइएल नहर निर्माण के मसले पर अपनी पार्टी के बजाय प्रदेश के साथ खड़े हैैं।
उधर, गुरुग्राम में हुई कांग्रेस प्रदेश कार्य समिति की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर की अध्यक्षता में पार्टी नेताओं ने एसवाईएल पर आए फैसले का श्रेय कांग्रेस को दिया। बैठक में डॉ. तंवर और कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार पंजाब सरकार से नूराकुश्ती का खेल बंद करे और स्पष्ट शब्दों में बातचीत करे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब एसवाईएल पर तेजी से काम शुरू होना चाहिए।