firak gorakhpuri
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दस्तक-विशेष
उर्दू जबान को हिंदुस्तानियत की रूह समझते थे फिराक
लखनऊ। अपने भीने कलम को हिन्दुस्तानी मिट्टी की महक में डुबोकर उसे गंगा-जमुनी तहजीब की रंग-ओ-बू देने वाले अजीम शायर…
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