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जंजीरो में जकड़ा नजर आया तहव्वुर राणा… सामने आईं NIA को सौंपते समय की तस्वीरें

नई दिल्ली : मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा आखिरकार अमेरिका से भारत लाया जा चुका है, लेकिन जिस तरह उसकी तस्वीर सामने आई है, उसने सबका ध्यान खींच लिया है. प्रत्यर्पण की तस्वीर में राणा के पैरों में बेड़ियां, कमर में जंजीर बंधी हुई दिखाई दे रही है. इसके साथ ही अमेरिकी मार्शल प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को पूरा करते हुए नजर आ रहे हैं, वहीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अधिकारी भी वहां मौजूद हैं. ये तस्वीर केवल एक आतंकी के ट्रांसफर का नहीं, बल्कि भारत की उस लंबी कानूनी और कूटनीतिक लड़ाई का नतीजा है जो सालों से जारी है. अमेरिका ने बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच राणा को भारत को सौंपा.

अमेरिकी न्याय विभागकैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में अमेरिकी मार्शलों ने पाकिस्तानी नागरिक और कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा की हिरासत भारत के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों को सौंप दी। तहव्वुर राणा अब 18 दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में है, इस दौरान एजेंसी उससे विस्तृत पूछताछ करेगी, ताकि 2008 के हमलों के पीछे की पूरी साजिश का पता लगाया जा सके। इन हमलों में कुल 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे।

भारत के गुनाहगार तहव्वुर को विशेष सुरक्षा के बीच अमेरिकी से दिल्ली लाया गया था। उसे भारत लाने के लिए विशेष टीम गई थी, जिसने दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर प्लेन के लैंड होते ही तहव्वुर को NIA के हवाले कर दिया। एनआईए ने सबसे पहले तहव्वुर का मेडिकल चेकअपल कराया। इसके बाद यहां से सीधे उसे NIA कोर्ट ले जाया गया। NIA कोर्ट में रात 2 बजे के बाद तक सुनवाई चली। एनआईए ने राणा की कस्टडी मांगी और अदालत ने 18 दिनों के लिए जांच एजेंसी को उसकी कस्टडी दे दी।

हालांकि, तहव्वुर राणा किसी भी कीमत पर अमेरिका से भारत नहीं आना चाहता था। उसने 13 फरवरी को दायर अपनी याचिका के गुण-दोष के आधार पर मुकदमेबाजी (सभी अपीलों की समाप्ति सहित) तक अपने प्रत्यर्पण और भारत के समक्ष आत्मसमर्पण पर रोक लगाने की मांग कर रहा था। उसने तर्क दिया था कि भारत को उसका प्रत्यर्पण अमेरिकी कानून और संयुक्त राष्ट्र के यातना विरोधी कन्वेंशन का उल्लंघन है, क्योंकि उसे भारत में यातना का खतरा है। हालांकि, कोर्ट ने इन दलीलों को स्वीकार नहीं किया था। भारत ने 7 मार्च को कहा था कि वह राणा के प्रत्यर्पण के लिए आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम कर रहा है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने वाशिंगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी।

भारत सालों से राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था. राणा ने इसे रोकने के लिए अमेरिका की हर अदालत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट तक से उसे राहत नहीं मिली. 9 अप्रैल को अमेरिकी मार्शल्स ने लॉस एंजेलिस एयरपोर्ट पर उसे भारत के हवाले किया

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