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तिहाड़ जेल में बंद तहव्वुर राणा घरवालों से करना चाहता है बात, प्राइवेट वकील रखने की भी मांग

नई दिल्‍ली । 26/11 मुंबई आतंकी हमले(Mumbai Terror Attacks) का मास्टरमाइंड(Mastermind) तहव्वुर राणा(tahavvur rana) अपने लिए प्राइवेट वकील(Private Lawyer) रखना चाहता है। इसके लिए उसने अपने परिवार से बात करने की इच्छा जताई है। एनआईए और जेल अधिकारियों की ओर से इसे लेकर पटियाला हाउस कोर्ट में जवाब दाखिल किया गया। इसके बाद, अदालत ने इस मुद्दे पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट अब 7 अगस्त को फैसला सुनाएगा। राणा को अब तक कानूनी सहायता वकील से मदद मिलती रही है।

नई दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने तहव्वुर हुसैन राणा की ओर से अदालत में दायर उस अर्जी का विरोध किया, जिसमें उसने अपने परिवार के सदस्यों से फोन पर बातचीत करने की इजाजत देने की अपील की थी। जेल अधिकारियों ने विशेष न्यायाधीश चंदरजीत सिंह के समक्ष एक बंद कमरे में सुनवाई के दौरान यह दलील दी। राणा 26/11 मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है।

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल को भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ राणा की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसे भारत लाया गया। 26 नवंबर, 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों का एक समूह समुद्री रास्ते से भारत की वित्तीय राजधानी में घुसा। उन्होंने एक रेलवे स्टेशन, दो आलीशान होटलों और एक यहूदी केंद्र पर हमले किए। लगभग 60 घंटे तक जारी रहे इस हमले में कुल 166 लोग मारे गए थे।

तहव्वुर हुसैन राणा एक पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। राणा ने अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली को मुंबई में रेकी करने और हमले की योजना बनाने में मदद की। उसने हेडली को फर्जी पहचान और वीजा प्रदान किए। साथ ही, शिकागो-आधारित आव्रजन फर्म के ऑफिस का इस्तेमाल टोह लेने के लिए किया। 2025 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी। राणा को अप्रैल 2025 में भारत लाया गया, जहां एनआईए उससे पूछताछ कर रही है और यूएपीए के तहत मुकदमा चल रहा है।

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