नई दिल्ली। एक रिसर्च के अनुसार भारत में डाईबिटीज के मरीजों के पैरों में अक्सर तकलीफ होती है। इसको अनदेखा न करे और समय पर इसका इलाज बेहद जरूरी है। नहीं तो आपकी इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। एक छोटी सी चोट से भी बाद में संक्रमण हो सकता है और पैर काटना भी पड़ सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ डायबेटिक फुट उसे कहते हैं, जिसमें संक्रमण के चलते ऊतक सड़ सकते हैं और जिसमें अल्सर के कारण तंत्रिका संबंधी असामान्यताएं हो सकती हैं। इससे परिधीय संवहनी रोगों का खतरा बन जाता है और उपापचय की जटिलताएं हो सकती हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ। के। के। अग्रवाल ने कहा, “मधुमेह होने पर यह जरूरी है कि प्रतिदिन पैरों की जांच की जाए। थोड़ी सी भी चोट या पैर की अंगुली या नाखून के संक्रमण से अल्सर हो सकता है। मधुमेह से पैर की नसें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। यदि दर्द न हो तो ऐसी छोटी मोटी चोटें नजरअंदाज भी हो सकती हैं।