चढ़ती, उतरती ठंड में बीमारियां होने का खतरा और भी बढ़ जाता है। जरूरी नहीं है कि हमेशा संक्रमक रोग ही हों कभी-कभी गैर – संक्रामक रोग के होने का खतरा भी बढ़ जाता है। गैर संक्रामक रोगों से लड़ने के लिए हर्बल दवाएं काफी बेहतर होती हैं। ह्दयरोग, कैंसर, स्ट्रोक इत्यादि गैर संक्रामक रोग (एनसीडी) के उपचार में इनका इस्तेमाल प्रभावी हो सकता है।
हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह जैसे रोगों को पहले जहां सिर्फ संपन्न लोगों से जोड़ा जाता था, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक अब ये वैश्विक खतरा बन चुके हैं और गरीब इनसे सबसे ज्यादा पीड़ित हो रहे हैं।
मधुमेह से लड़ने में बीजीआर-34 दवा की भूमिका काफी निराली है। यह दवा न सिर्फ नियमित रूप से रक्त में सर्करा की मात्रा को नियंत्रित करती है, बल्कि साथ ही हमारे मेटाबोलिज्म को भी नियंत्रित रखती है।