नवरात्र व रमजान में इन बातों का रखें खास ख्याल
इस तपती गर्मी में रखना होगा डिहाइड्रेशन से बचने का ध्यान
शनिवार से हो रहा नवरात्र की शुरुआत, रविवार से रोजे शुरू होने की उम्मीद
लखनऊ : नवरात्र के व्रत शनिवार से और रमजान के रोज़े रविवार से शुरू हो रहे हैं। गर्मी भी अपने रंग दिखा रही है। ऐसे में आस्था है तो उपवास जरूर रखें लेकिन डिहाईड्रेशन से बचने के लिए अपने खानपान का भी खास ख्याल रखें। एसजी पीजीआई की डायटिशियन प्रीति यादव के अनुसार आस्था से अलग अगर इसे स्वास्थ्य के नजरिए से देखा जाए तो उपवास बॉडी को डिटॉक्स करने का बेहतर तरीका है पर कई बार उपवास के दौरान हम ऐसी गलतियां कर बैठते हैं कि उसके लाभ मिलने के बजाय और नुकसान ही उठाने पड़ते हैं। अगर आप उपवास की तैयारी कर रहे हैं तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
नवरात्र
• नवरात्र में एक साथ भोजन करने के बजाय छोटे-छोटे मील्स लेना चाहिए
• बहुत देर तक भूखे पेट भी नहीं रहना चाहिए। इससे ब्लड ग्लूकोज लेवल गिर सकता है जिससे बॉडी में एनर्जी कम हो जाती है
• हाइड्रेशन का तो विशेष ध्यान रखना चाहिए। नींबू पानी, नारियल पानी, जूस, मट्ठा, लस्सी को दिनचर्या में अवश्य शामिल करें
• दिन भर में कम से कम 10 से 12 गिलास पानी अवश्य लें
• ज्यादा तला-भुना भोजन न लें। फल-सब्जियां और फाइबर वाली चीजें जैसे खीरा, ककड़ी तरबूज, खरबूज अवश्य खाएं
• खाने के साथ-साथ फिजिकल एक्टिविटी भी जरूरी है।
• यदि आप बैलेंस डाइट खाने में लेते हैं तो थकान महसूस नहीं होगी। इसीलिए थोड़ी-थोड़ी देर पर कुछ न कुछ खाते रहें। कोशिश करें घर का ही बना खाना लें
रमजान
डायटिशियन सना फरहीन के मुताबिक रमजान में सहरी और इफ्तार के समय खास एहतियात बरतना चाहिए। सहरी के वक्त पौष्टिक चीजों का सेवन करना चाहिए जिससे पूरे दिन भूख न लगे। रोजे के दौरान खानपान में यह एहतियात बरतना चाहिए।
• भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर शामिल करना चाहिए जैसे पनीर, अंडा, आमलेट, भरवा पराठा, अंकुरित अनाज। साथ ही पेय पदार्थ जैसे छाछ, शिकंजी, दूध लेना चाहिए। भीगे बादाम अखरोट भी ले सकते हैं
• इफ्तारी के वक्त एकदम से खाना नहीं खाना चाहिए और तली-भुनी चीजें भी नहीं लेना चाहिए। मछली या चिकन ले सकते हैं। लाल मांस नहीं लेना चाहिए। साथ ही सलाद, हरी सब्जियां भी भोजन में शामिल करना चाहिए ताकि भोजन पचने में आसानी हो
• खाना खाने के बाद कम से कम 20 से 30 मिनट टहलें। उसके बाद ही सोएं
• हाइड्रेशन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सहरी व इफ्तार दोनों वक्त पेय पदार्थ अच्छी मात्रा में शामिल करना चाहिए