अफगानिस्तान में देश छोड़ने पर तालिबान की रोक, मजार-ए-शरीफ में 4 उड़ानें रोकी गईं
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर जा चुके हैं, जबकि अब भी कई लोग ऐसे हैं, जो देश से जाना चाहते हैं. इस बीच, अधिकारियों ने जानकारी दी है कि कम से कम चार विमान, जिसमें कई सौ यात्री सवार थे, उन्हें देश छोड़ने से रोक दिया गया. हालांकि, इसके पीछे की वजह अभी नहीं बताई गई है.
उत्तरी शहर मजार-ए-शरीफ में हवाई अड्डे पर एक अफगान अधिकारी ने कहा कि संभावित यात्री अफगान थे, जिनमें से कई के पास पासपोर्ट या वीजा नहीं था, और इसलिए वे देश छोड़ने में असमर्थ थे. उन्होंने कहा कि स्थिति सुलझने तक वे हवाईअड्डे से चले गए थे. वहीं, एजेंसी के अनुसार, यूएस हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के शीर्ष रिपब्लिकन ने कहा कि समूह में अमेरिकी भी शामिल थे और वे विमानों पर बैठे थी, लेकिन तालिबानी उन्हें प्रभावी ढंग से बंधक बनाकर उड़ान नहीं भरने दे रहे थे. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि यह जानकारी कहां से आई.
20 साल अफगानिस्तान में रहने वाला अमेरिका 31 अगस्त को पूरी तरह से वहां से निकल चुका है. अमेरिका के सभी सैनिक अफगानिस्तान से जा चुके हैं और पूरे देश पर तालिबान का कब्जा हो चुका है. अमेरिका अफगानिस्तान की धरती से वापस आने से पहले एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाल चुका है.
टेक्सास के प्रतिनिधि माइकल मैककॉल ने फॉक्स न्यूज संडे को बताया कि अमेरिकी नागरिकों और अफगानों को छह विमानों में बैठाया जा रहा था. उन्होंने कहा, “तालिबान उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने देगा और इससे वह काफी चिंतित हैं.” वहीं, नाम न छापने की शर्त पर बात करने वाले अफगान अधिकारी ने कहा कि कुल चार विमान थे और उसके यात्री होटलों में ठहरे हुए थे. उन्होंने संकेत दिया कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कई लोगों के पास यात्रा के सही कागजात नहीं थे.
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