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पाकिस्तान के लिए गले में फंसी हड्डी बन जाएगा तालिबान, पूर्व CIA डायरेक्टर ने इमरान खान को दी चेतावनी

वॉशिंगटन: तालिबान को समर्थन करने वाले इमरान खान और पाकिस्तान को पूर्व सीआईए डायरेक्टर ने गंभीर चेतावनी दी है। पूर्व सीआईए डायरेक्टर ने कहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान की जीत पर जो खुशी मनाई जा रही है, वो अल्पकालिक है और जल्द ही पाकिस्तान को इसके लिए गंभीर अंजाम भुगतने होंगे। पूर्व सीआईए डायरेक्टर डेविड एच पेट्रियस ने कहा कि, जल्द ही तालिबान पाकिस्तान के लिए गले में फंसी हड्डी बन जाएगा।

सीआईए के पूर्व महानिदेशक डेविड एच पेट्रियस ने कहा कि अफगानिस्तान के तालिबान अधिग्रहण के बाद पाकिस्तान में जो खुशी मनाई जा रही है, वो अल्पकालिक होगी। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के 19वें संस्करण में बोलते हुए पूर्व सीआईए डायरेक्टर डेविड पेट्रियस ने कहा कि, काबुल में स्थिति दिल दहला देने वाली थी क्योंकि अफगान लोग एक बार फिर तालिबान के शासन के अंतर फंस गये हैं, जिसकी इस्लाम की चरमपंथी व्याख्या है। उन्होंने कहा कि, “पाकिस्तान उन संगठनों के क्षेत्र पर नियंत्रण नहीं कर सका, जो लोगों और अफगान बलों की जिंदगी में मुसीबत बढ़ा रहे थे। पाकिस्तान की धरती पर लाखों अफगान शरणार्थी होंगे, जैसा उसने 20 साल पहले किया था। पाकिस्तान के लिए यह मुश्किल होगा क्योंकि उनका वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है।

पूर्व सीआईए डायरेक्टर डेविड पेट्रियस ने कहा कि, अफगानिस्तान में मानवीय तबाही है, अर्थव्यवस्था ढहने के कगार पर है और मानवीय सहायता मिलनी बंद हो गई है, जिसने लोगों की जिंदगी में तबाही मचा दी है। उन्होंने कहा कि, “अफगानिस्तान और उसके लोगों के लिए आने वाली सर्दी काफी भयानक, काली और उन्हें भूखा रखने वाली है। अल्पसंख्यक आबादी का उत्पीड़न हुआ है, जिनमें से अधिकांश जातीय हजारा हैं। तालिबान लड़ाके घर-घर जाकर उन लोगों की तलाश कर रहे हैं जिन्होंने अमेरिका और अफगानिस्तान सरकार के साथ काम किया था। आपको बता दें कि, पेट्रियस को पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने इराक (2007-08) में बहुराष्ट्रीय बलों का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया था और बाद में अफगानिस्तान (2010-11) में यूएस और नाटो बलों के कमांडर के रूप में कार्य किया। बाद में वह सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (2011-12) के निदेशक थे।

15 अगस्त को तालिबान ने काबुल की राजधानी पर अधिकार कर लिया था और अफगानिस्तान को इस्लामी अमीरात बनाने की घोषणा कर दी थी और इसके साथ ही अफगानिस्तान में पिछले 20 सालों से चलने वाले विकास के काम बंद हो गये और अमेरिकी सैनिकों के बाहर निकलने के बीच अफगानिस्तान के प्रांत ताश के पत्तों की तरह ढह गये। डेविड पेट्रियस ने यह भी संकेत दिया कि, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के बीच मतभेद काफी गहरे हैं। उन्होंने कहा कि, “तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर काबुल में नहीं है। हक्कानी काबुल और पूर्वी अफगानिस्तान को नियंत्रित कर रहे हैं। हक्कानी संगठन भी इस्लामाबाद के आदेश को स्वीकार नहीं करने जा रहा है। यह एक अराजक दृश्य बनाएगा”।

पिछले महीने खबरें सामने आई थीं कि काबुल में हक्कानी गुट के साथ लड़ाई में बरादर घायल हो गया था। रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि, तालिबान मुल्ला बरादर और हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी के भाई अनस हक्कानी के बीच तीखी झड़प हो गई थी। पूर्व सीआईए डायरेक्टर डेविड पेट्रियस ने कहा कि, अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की अब प्राथमिकता बदल चुकी है और नई प्राथमिकता चीन को लेकर है। अमेरिका अब ग्लोबल वॉर्मिंग को नियंत्रण में लाने, जलवायु परिवर्तन रोकने की दिशा में काम करना चाहता है।

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