दस्तक-विशेषराजनीतिराज्य

संस्कृति के साथ विकास की बात

उत्तर प्रदेश ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह-2024

संजय सक्सेना, लखनऊ

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सफलता नित्य नये आयाम स्थापित कर रही है। एक तरफ धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को मजबूत किया जा रहा है तो दूसरी ओर प्रदेश को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए औद्योगिक क्रांति भी तेजी से लाई जा रही है। इसी क्रम में योगी सरकार ने चौथे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह-2024 के माध्यम से नया अध्याय लिखा। फरवरी 2023 में आगरा में ग्लोबल इनवेस्टर समिट में हुए करारों को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में धरातल पर उतारा गया तो पीएम मोदी और सीएम योगी के साथ दोनों सरकारों के कई मंत्री, देश-दुनिया के तमाम उद्योगपतियों के साथ अलग-अलग क्षेत्रों की गणमान हस्तियां भी इसकी गवाह बनीं। गौरतलब हो बीते वर्ष की शुरुआत में आगरा में 2.26 लाख करोड़ रुपये निवेश के एमओयू हस्ताक्षर हुए थे, जिनमें से 9138 करोड़ रुपये के निवेश को 19 फरवरी 2024 को अमलीजामा पहनाना दिया गया। कुछ निवेशों में थोडी देरी देखने को जरूर मिल रही है, लेकिन इसके लिए भी प्रयास जारी हैं। अगले कुछ महीनों में इन बचे हुए प्रोजेक्टों के लिए भी भूमि पूजन हो जायेगा। नये निवेश से करीब 18 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने करीब सात वर्षों के कार्यकाल में 19 फरवरी 2024 से 21 फरवरी 2024 के बीच चौथी बार भूमि पूजन महोत्सव किया था। इसकी शुरुआत स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। यहां इस ओर भी ध्यान देना जरूरी है कि लखनऊ में भूमि पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लेने से पूर्व पीएम नरेंद्र मोदी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिला संभल में कल्कि धाम की आधारशिला रखी थी। यहां उन्होंने राज्य के लिए 10 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। साथ ही नोएडा में बन रही नई वल्र्ड क्लास सिटी की भी जानकारी ली थी। तब यह उनकी यात्रा का सिर्फ आधा ही भाग था। पीएम मोदी ने इसके बाद लखनऊ में ‘उत्तर प्रदेश ग्लोबल इंवेस्टर समिट 2023’ की चौथी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में भी हिस्सा लिया।

गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नोएडा में पीपीपी मॉडल पर एक फिल्म सिटी का भी विकास कर रही है। वहीं यूपी इंवेस्टर्स समिट से आए प्रस्तावों के दम पर योगी सरकार को राज्य की इकोनॉमी को भी काफी आगे ला जाने में मदद मिल रही है। यहां उन्होंने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में अपार संभावनाओं की बात कही। पीएम मोदी ने कहा, मैं फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्यमियों से विशेष आग्रह करूंगा कि आपको ‘जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट’ के मंत्र पर काम करना चाहिए। आपका एक ही लक्ष्य होना चाहिए कि दुनियाभर के देशों में डायनिंग टेबल पर कम से कम एक इंडियन प्रोडक्ट जरूर हो।’ उन्होंने सिद्धार्थ नगर के ‘काला नमक’ चावल और चंदौली के ‘काला’ चावल जैसे प्रोडक्ट्स की सफलता की बात भी कही। बता दें कि एक साल पहले आगरा में आयोजित समिट में 344 उद्यमियों व फर्मों ने 2.26 लाख करोड़ रुपये निवेश के लिए एमओयू किए थे। एक साल बाद जब निवेश को धरातल पर उतारने की बारी आई तो 2.26 लाख करोड़ केएवज में 9138 करोड़ रुपये का निवेश तैयार हो सका। करीब 2.16 लाख करोड़ रुपये का निवेश के लिए जमीन नहीं मिल सकी। कई एमओयू ऐसे हैं, जिनके निवेश के लिए प्रक्रिया चल रही है। कुछ सुझाव आए हैं जिन्हें दूर किया जा रहा है, जिन्हें दूसरे चरण में शामिल किया जाएगा। 158 एमओयू का भूमिभूजन के माध्यम से एक करोड़ से 3000 करोड़ रुपये निवेश के प्रस्ताव हैं। बीएन ग्रुप उद्यान विभाग में 3000 करोड़ का निवेश करेगा, यह सबसे बड़ा निवेश होगा। चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में 1100 करोड़ रुपये और उच्च शिक्षा क्षेत्र में 600 करोड़ रुपये का निवेश होगा. इनके अलावा 150 से अधिक प्रस्तावों में 1 करोड़ से 50 करोड़ रुपये तक निवेश प्रस्तावित हैं।

बताते चलें कि इससे पूर्व योगी सरकार तीन ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित कर चुकी है, जिसके माध्यम से प्रदेश में 2.10 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश धरातल पर उतारा गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने फरवरी-2018 में पहली बार यूपी इन्वेस्टर्स समिट का सफलतापूर्वक आयोजन किया था। समिट में 4.28 लाख करोड़ रुपए के 1,045 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके बाद जुलाई-2018 में प्रथम ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह तथा जुलाई 2019 में दूसरा ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित किया गया, जिसमें क्रमश: 61,792 करोड़ रुपए के निवेश वाली 81 परियोजनाओं तथा 67,202 करोड़ रुपए के निवेश वाली लगभग 290 परियोजनाओं का सफलतापूर्वक शुभारंभ किया गया। जून 2022 में, ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह के तीसरे संस्करण का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 80,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश वाली 1,400 से अधिक परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया।

प्रदेश के विकास और योगी सरकार का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए यह निवेश बूस्टर का काम करेगा। यह योगी की मेहनत का ही फल है क्योंकि उद्योगपति और कारोबारी तभी किसी राज्य में अपनी रकम लगाने का जोखिम उठाते हैं, जब उनका उस राज्य की माटी-मानुष और कानून व्यवस्था पर भरोसा होता है। यह भरोसा तब आता है, जब राज्य की कानून व्यवस्था बेहतर होती है। उद्योगपति के सामने लाल फीताशाही की समस्या नहीं आती है। सरकारी स्तर पर उसकी सभी बाधायें आसानी से दूर हो जाती हैं। इस मामले में अब यूपी अव्वल चल रहा है। यह पिछले छह: वर्षों में हुआ है। उत्तर प्रदेश की छवि कभी अराजक राज्य के तौर पर रही थी, लेकिन कहना न होगा कि योगी सरकार ने जिस तरह कानून व्यवस्था के मोर्चे को दुरुस्त किया है, उससे राज्य में कानून का शासन स्थापित है। अराजकता और गुंडागर्दी पर लगाम है। राज्य कभी दंगों के लिए भी कुख्यात था, लेकिन अब उत्तर प्रदेश सांप्रदायिक दंगों से दूर है। निवेशकों के लिए इससे बेहतर माहौल नहीं मुहैया कराया जा सकता है। इसमें दो राय नहीं कि निवेशक वहीं निवेश करना चाहता है, जहां उसे आराम से कारोबार और उत्पादन करने दिया जाए। भारतीय जनता पार्टी के दूसरे शासनकाल में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था काबू में है। यही वजह है कि कभी बीमारू राज्यों में शामिल उत्तर प्रदेश में अब निवेशक आने से हिचक नहीं रहे हैं। निवेशक देश में सबसे अधिक भरोसा यूपी पर जता रहे हैं।

खैर, निवेशक की दूसरी जरूरत बुनियादी ढांचा की बेहतरी होती है, जिसमें सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सहज होनी चाहिए। इस मामले में भी यूपी अग्रणी है, बिजली के मामले में विगत के शासन से बेहतर व्यवस्था हुई है। कभी ढांचागत सुविधाओं को बुनियादी स्तर पर सहज बनाने में स्थानीय प्रशासन और राजनीति भी बाधक थी। अब ऐसा कम देखने को मिलता है। स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार पर पूरी तरह लगाम नहीं लग पाया है। इसके बावजूद राज्य का बुनियादी ढांचा बेहतर हुआ है। यही वजह है कि अब राज्य में बड़े-बड़े समूह निवेश करने के लिए खुले दिल से आगे आ रहे हैं। इसी वजह से राज्य सरकार लगातार दावा कर रही थी कि चौथे ग्राउंड ब्रेंकिंग समारोह से उद्योगपति राज्य में बड़ा निवेश करने वाले हैं। राज्य सरकार का यह दावा काफी हद तक कसौटी पर खरा भी उतरा है। उत्तर प्रदेश में वाहन उत्पादक कंपनियां अशोक लीलैंड और यामाहा भी कई जगह अपने उत्पादन केंद्र शुरू करने की तैयारी में हैं। राज्य की बिजली व्यवस्था दुरुस्त हो, निवेशकों को भरपूर बिजली मिले, इसके लिए राज्य सरकार ऊर्जा के तीनों स्रोतों, थर्मल, जल विद्युत और सौर ऊर्जा में निजी और सार्वजनिक-दोनों क्षेत्रों की कंपनियों को आमंत्रित किया है। राज्य सरकार का दावा है कि एनटीपीसी के साथ ही ग्रीनको ग्रुप, टोरेंट पावर, एसीएमई ग्रुप, जेएसडब्ल्यू एनर्जी पीएसपी सिक्स और टिस्को राज्य में कई तरह की ऊर्जा परियोजनाएं लगाने जा रही हैं। एम थ्री एम इंडिया, आईएनजीकेए, द हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा और गोदरेज प्रॉपर्टीज ने राज्य के आवासीय परिदृश्य को बदलने की तैयारी में हैं तो राज्य में हथियार निर्माण उद्योग, सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री, हॉस्पिटैलिटी आदि में भी भारी निवेश आ रहा है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में साल 2018 में पहली बार यूपी इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था, जिसमें करीब 4.28 लाख करोड़ रुपये के निवेश पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके बाद जुलाई-2018 और जुलाई 2019 में ग्राउंड ब्रेकिंग कार्यक्रम आयोजित किए गए जिनसे करीब 130 करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए, जिनके जरिए 290 परियोजनाएं राज्य में स्थापित हो चुकी हैं। कोरोना के चलते अगले दो साल तक कोई निवेशक सम्मेलन नहीं हुआ लेकिन साल 2022 में तीसरा ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोह हुआ, जिसमें करीब अस्सी हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव राज्य को मिले थे। इसकी वजह से सकल घरेलू उत्पाद के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन गया है। इन्वेस्टिंग और स्टॉक मार्केट पर नजर रखने वाले एसओआइसी डाट इन और क्रेडिट लियोनिस सिक्योरिटीज एशिया की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत की जीडीपी में हिस्सेदारी के मामले में उत्तर प्रदेश का स्थान महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर है। यहां याद करना चाहिए कि देश के जीडीपी में 15.7 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ महाराष्ट्र जहां पहले पायदान पर है, वहीं 9.2 प्रतिशत भागीदारी के साथ यूपी दूसरे स्थान पर है। जहां तक जीएसटी संग्रह की बात है तो साल 2022-23 में राज्य ने एक लाख सात हजार 407 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया, जिसके 2023-24 में बढ़कर डेढ़ लाख करोड़ होने का अनुमान है। उत्तर प्रदेश की कारोबारी स्थिति को बताने में राज्य के जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों की संख्या मुफीद हो सकती है, जो देश में सबसे ज्यादा है। डिजिटल लेनदेन के मामले में राज्य भी तेजी से प्रगति कर रहा है। हालत यह है कि डिजिटल लेनदेन के मामलों में सिर्फ एक साल में तीन गुना तक की बढ़ोत्तरी हुई है। बैंकर्स समिति के मुताबिक उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष साल जहां 426.68 करोड़ डिजिटल लेनदेन हुआ, जो इस साल बढ़कर 1174.32 करोड़ हो गया है।

जाहिर है कि राज्य की आर्थिक स्थिति जहां बेहतर हो रही है, वहीं राज्य में इंटरनेट की उपलब्धता सहज हुई है और इसका फायदा राज्य का जागरूक नागरिक उठा रहा है। राज्य अपना वित्तीय प्रबंधन अनुशासित करने में भी धीरे-धीरे सफल हो रहा है। राज्य के राजकोषीय घाटे में आई कमी है जो जीएसडीपी का महज 2.86 प्रतिशत ही है। 2016-2017 में प्रदेश की राजस्व प्राप्तियां जहां दो लाख 56 हजार 875 करोड़ थी, जो 2022-23 में बढ़कर चार लाख 15 हजार 820 करोड़ हो गई। अनुमान है कि यह बढ़कर साल 2023-2024 में पांच लाख 70 हजार 865 करोड़ हो सकता है। राज्य की बढ़ती आर्थिक स्थिति का उदाहरण राज्य में दाखिल होने वाले आयकर रिटर्न की संख्या भी है। आयकर रिटर्न के मामले में उत्तर प्रदेश देश का दूसरा राज्य है। साल 2014 में उत्तर प्रदेश में महज 1.65 लाख ही आयकर रिटर्न दाखिल हुए थे, वही 2023 में बढ़कर 11.92 लाख हो गए। इतना ही नहीं, राज्य में डीमैट खातों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई है। साल 2023 में राज्य में 1.26 लाख डीमैट खाते खुले हैं।

राज्य सरकार को केद्र सरकार की ओर से भी सबसे ज्यादा मदद मिल रही है। इसका भी फायदा राज्य के आर्थिक विकास में मददगार बना है। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, केन्द्र सरकार की ओर से राज्य को तमाम सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचागत विकास योजनाओं के लिए 13 हजार साढ़े 88 हजार करोड़ रुपए मिले। इन आंकड़ों से साफ है कि राज्य की आर्थिक तसवीर बदल रही है। पिछले साल बारह फरवरी को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स सम्मिट को गैर भाजपा दलों ने गंभीरता से नहीं लिया था। विपक्षी दलों ने इसकी सफलता पर सवाल उठाए थे लेकिन इस आयोजन के एक साल बीतने के बाद जो आंकड़े सामने आए हैं, उससे पता चलता है कि सम्मेलन का आयोजन उत्तर प्रदेश की आर्थिक सेहत की दिशा में कारगर साबित हुआ है। सिर्फ एक साल की छोटी अवधि में ही उत्तर प्रदेश में करीब 10 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश प्रस्ताव आया है, जिसके जरिए उम्मीद की जा रही है कि राज्य में करीब चौदह हजार योजनाएं लागू की जा सकेंगी, जिनके जरिए करीब साढ़े तैंतीस लाख रोजगार पैदा होंगे।

विकसित भारत के लिए नई सोच जरूरी : मोदी

यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मैं जब भी विकसित भारत की बात करता हूं तो इसके लिए नई सोच की बात करता है। विकसित भारत के लिए नई सोच, नई दिशा जरूरी है। देश में जिस प्रकार की सोच आजादी के बाद कई दशकों तक रही, उस पर चलते हुए ये संभव नही थे। पहले सोच यह थी कि देश के नागरिकों को जैसे-तैसे गुजारा कराओ, उन्हें हर मूलभूत सुविधा से तरसा कर रखो। पहले की सरकारें सुविधाओं को दो-चार बड़े शहरों तक ही सीमित रखती थी, क्योंकि ऐसा करना आसान था। इनमें कम मेहनत लगती थी लेकिन इसकी वजह से देश का एक बड़ा हिस्सा विकास से वंचित रह जाता था। पीएम मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के साथ भी अतीत में ऐसा ही हुआ। लेकिन हमारी डबल इंजन सरकार ने उस पुरानी राजनीतिक सोच को बदला है। हम यूपी के हर परिवार के जीवन को आसान बनाने में जुटे हैं। जब जीवन आसान होगा तो बिजनेस करना भी आसान होगा। हमने गरीबों के लिए चार लाख करोड़ पक्के घर बनाए, साथ ही शहरों में रहने वाले मिडिल क्लास परिवारों का अपना घर का सपना साकार करने के लिए हमने साठ हजार करोड़ रुपये की मदद भी की। इस पैसे से शहरों में रहने वाले 25 लाख मध्यम वर्गीय परिवारों को ब्याज में छूट मिली है। इसमें डेढ़ लाख लाभार्थी परिवार मेरे यूपी के हैं। उन्होंने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश में रेड टेप कल्चर को रेड कार्पेट कल्चर में तब्दील किया है। इससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ सभी पक्षों को लाभ हुआ है।

यूपी मतलब अनलिमिटेड पोटेंशियल : योगी

ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 2024 के आयोजन के दौरान 14000 नई परियोजनाओं के शिलान्यास के मौके पर सीएम योगी ने यूपी का नया फुल फॉर्म बताया। सीएम ने कहा कि यूपी का मतलब है अनलिमिटेड पोटेंशियल। सीएम योगी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज नए उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में एक और स्वर्णिम अध्याय से जुड़ने जा रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2024 के ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के दौरान सीएम योगी के अलावा पीएम मोदी भी लखनऊ पहुंचे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, देश और दुनिया के उद्योग जगत ने हम पर और हमारी नीतियों पर विश्वास जताया। उत्तर प्रदेश को अब तक लगभग 40 लाख करोड़ के निवेश प्राप्त हुए हैं। इन्ही प्रयासों को धरातल पर उतारने का आज उत्सव है। नया उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश से अब उद्यम प्रदेश बनकर भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में विकसित उत्तर प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। इस कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले 7 वर्षों में यूपी में निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में कई प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि आज यहां ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह हो रहा है। पीएम मोदी के मार्गदर्शन और सीएम योगी के नेतृत्व में जिस तरह से उत्तर प्रदेश आगे बढ़ रहा है, उससे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह निवेश लाने की दिशा में पथप्रदर्शक समारोह साबित होगा। बता दें कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में किया। चौथे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में पीएम मोदी ने 10 लाख करोड़ से अधिक लागत की 14 हजार परियोजनाओं का शुभारंभ किया। बता दें कि इन पैसों के जरिए यूपी के अलग-अलग जिलों में विकास कार्यों को पूरा किया जाएगा। साथ ही धार्मिक स्थानों पर भी इसके तहत पैसे खर्च किए जाएंगे।

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