महिला दिवस की पूर्व संध्या पर ‘आधी आबादी के साथ-स्वस्थ भारत की बात’

डॉ. सूर्यकान्त ने सेहतमंद जीवन के लिए छात्राओं को दिए पांच “पी” का मूल मंत्र
कालीचरण पीजी कालेज व पीएसआई इंडिया के सहयोग से कार्यक्रम आयोजित
लखनऊ : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को कालीचरण स्नातकोत्तर महाविद्यालय के बाबू श्यामसुन्दर दास सभागार में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) के सहयोग से “आधी आबादी के साथ-स्वस्थ भारत की बात” जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सैकड़ों छात्र-छात्राओं, कालेज स्टाफ को स्वास्थ्य विभाग, केजीएमयू और पीएसआई इंडिया से जुड़े विशेषज्ञों ने सेहतमंद जीवन के जरूरी टिप्स दिए और उनके लिए संचालित सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए लाभ उठाने की सलाह दी।
इस मौके पर रेस्परेटरी मेडिसिन डिपार्टमेंट, केजीएमयू के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने छात्राओं को सेहतमंद रहने और मंजिल पाने के लिए जरूरी पांच “पी” का मूल मन्त्र दिया । उन्होंने कहा कि पहला ‘पी’ पोषण है, जो कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। दूसरा ‘पी’ पैसिव स्मोकिंग (आस-पास धूम्रपान) का सख्ती के साथ विरोध करना क्योंकि उसका धुँआ जितना स्मोकिंग करने वाले को नुकसान पहुंचाता है, उससे कहीं अधिक आस-पास रहने वालों के लिए हानिकारक होता है। इसलिए खुद तो स्मोकिंग से बचें ही साथ ही अन्य को भी इससे रोकें। तीसरा “पी” यानि पीरियड (मासिक धर्म) के दौरान साफ़-सफाई का पूरा ख्याल रखें। चौथा “पी” प्रेग्नेंसी है जो कि हमें सीख देती है कि पूर्ण स्वस्थ महिला ही सुपोषित शिशु को जन्म दे सकती है, इसलिए स्वस्थ रहना जरूरी है । अंत में पांचवां “पी” पैशन से जुड़ा है जो कि जीवन में हर पल तनाव से बचने की सलाह देता है।

कालीचरण पीजी कालेज के प्रबन्धक इं. वी. के. मिश्रा ने विद्यार्थियों से विशेषज्ञों की सलाह को जीवन में उतारने की बात कही ताकि मंजिल की राह आसान बन सके। इसके साथ ही उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञों का स्वागत और अभिनन्दन भी किया। इस मौके पर पीएसआई इंडिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर मुकेश कुमार शर्मा ने कार्यक्रम के आयोजन के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि वर्ष 2047 में स्वस्थ विकसित भारत का सपना तभी साकार हो सकता है जब हम आज से ही अपनी युवा शक्ति को पूर्ण स्वस्थ बनाने का संकल्प लें।
महाप्रबन्धक राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम-राज्य कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उप्र डॉ. मनोज कुमार शुकुल ने कहा कि मासिक धर्म के बारे में यदि किशोरियों को पहले से जागरूक कर दिया जाए तो उन्हें उस दौरान की पीड़ा और झिझक से आसानी से उबारा जा सकता है। निदेशक, परिवार कल्याण डॉ. संगीता गुप्ता ने किशोर-किशोरियों के लिए संचालित साथिया क्लिनिक, जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान आदि के बारे में विस्तार से बताया। इसके साथ ही इसका लाभ उठाने की सलाह भी दी।

वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. ज्योति वाजपेयी ने सेहतमंद रहने के चार मुख्य पिलर (आधार) बताये- पहला पौष्टिक आहार, दूसरा शारीरिक श्रम, तीसरा पूरी नींद और चौथा तनाव रहित जीवन। वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. शिखा श्रीवास्तव ने कहा कि पुरुष और महिला एक गाड़ी के दो पहिये के समान हैं, इसलिए दोनों स्वस्थ रहकर ही बेहतर समाज और घर-परिवार का निर्माण कर सकते हैं। केजीएमयू की वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता देव ने कहा कि जन्म से लेकर अंतिम समय तक महिलाओं को कई तरह के शारीरिक बदलावों से गुजरना पड़ता है, इसलिए उनको इस बारे में समय-समय पर जागरूक बनाना हम सभी का कर्तव्य है। मानसिक रूप से छात्राओं का स्वस्थ होना भी बहुत जरूरी है क्योंकि यह समय मासिक धर्म, परीक्षाओं और कैरियर को लेकर तनाव पैदा करने वाला समय होता है।
कालेज के प्राचार्य डॉ. चंद्रमोहन उपाध्याय ने उपस्थित सभी लोगों को प्रदेश की राज्यपाल के निर्देशानुसार दहेजमुक्त और नशामुक्त समाज निर्माण की शपथ दिलाई और धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन पीएसआई इंडिया की महाप्रबन्धक मीनाक्षी दीक्षित ने किया। इस मौके पर पीएसआई इंडिया के डिप्टी डायरेक्टर समरेन्द्र बेहरा, जनरल मैनेजर नितिन द्विवेदी, डॉ. संगीता, ईप्शा सिंह, पारुल, प्रवीण, मनोज, हर्षिता आदि उपस्थित रहे।