मुंबई : व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने वाली खट्टी इमली, किसे नहीं पसंद होती। कभी बच्चे तो कभी युवतियां इसे चटकारे लेकर खाते दिखाई दे जाते हैं। यही नहीं कई तरह की चटनियां इमली के स्वाद के बगैर अधूरी ही होती हैं। इमली में स्वाद के साथ-साथ कई स्वास्थ्यवर्धक गुण भी पाए जाते हैं। विटामिन सी, ई और बी के अलावा इमली में कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, पोटेशियम, मैंगनीज और फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही इसमें एंटीआक्सीडेंट्स भी शामिल हैं, जो मिलकर आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद पैकेज की तरह साबित होते हैं। अगर आपको भूख नहीं लगती तो फिक्र मत किजिए, इमली आपकी भूख का रास्ता जानती है।
एक कटोरी पानी में उसमे गुड़, इमली का गुदा,दालचीनी और इलायची मिलाकर थोड़ा-थोड़ा चूसने से आपकी भूख खुल जाएगी और आप अच्छे से भोजन कर पाएंगे। पाचन प्रक्रिया को ठीक रखने के लिहाज से इमल बेहद फायदेमंद है। इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है जो पाचन में मदद करता है। इसके अलावा कब्ज और डायरिया जैसी समस्याओं के उपचार में भी इमली बहुत फायदेमंद है। इमली के बीज को पीसकर इसके पाउडर को पानी के साथ लेने से भी लाभ होता है। अगर आप अपने वजन को लेकर सतर्क हैं, और वजन कम करना चाहते हैं, तो इमली आपकी मदद कर सकती है। वजन घटाने के लिहाज से इसमें हाइड्रोआक्साइट्रिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर में वसा को कम करने वाले इन्जाइम को बढ़ाता है। शरीर में रक्तसंचार को बेहतर बनाने और आयरन की कमी को पूरा करने में इमली सहायक होती है, जिससे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण अधिक होता है और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
आंखों में दर्द या जलन की शिकायत होने पर भी इमली काफी मददगार होती है। ऐसा होने पर इमली के रस में दूध मिलाकर आंखों के बाहर लगाने से आराम मिलता है। आंखों में खुजली होने पर भी इमली असरकारक है। दस्त लगने की समस्या में इमली के बीज काफी फायदेमंद होते हैं। इमली के सूखे हुए बीजों को पीसकर उसमें अदरक पाउडर और उसमें विशप घास और सेंधा नमक मक्खन मिलाकर दूध के साथ पीने पर लाभ मिलता है। बवासीर की समस्या होने पर तेल और घी को समान मात्रा में लेकर उसमें इमली की पत्तियों को तल लें अब इसमें अनार के बीज, सूखा अदरक, धनिया पाउडर डालकर पकाने के बाद दही मिलाकर खाने से लाभ होता है।
खूनी बवासीर में इमली के गूदे को दलिया के साथ खाने पर आराम मिलता है। शरीर के किसी अंग में किसी प्रकार की सूजन होने पर एक कटोरी में गेहूं का आटा, इमली के पत्ते, इमली का रस, एक चुटकी नमक लेकर उबालें और जब यह लेप तैयार हो जाए तो इसे गर्म रहने पर ही सूजन वाले स्थान पर लगा लें। इमली में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स भी भरपूर मात्रा में होता है, जो मांसपेशियों के विकास के लिए फायदेमंद है। इसमें मौजूद थाइमिन नसों के सुचारू रूप से क्रियान्वयन और मांसपेशियों के विकास में मदद करता है।