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Tata Power पूरे देश में 10,000 माइक्रोग्रिड करेगी स्थापित, लाखों घरों को किया जा सकेगा रोशन

निजी बिजली कंपनी टाटा पावर ने नवीन ऊर्जा उत्पादन के लिए टीपी नवीन ऊर्जा माइक्रोग्रिड नाम की सहायक कंपनी स्थापित करने की घोषणा की है। यह कंपनी देशभर में 10 हजार माइक्रोग्रिड स्थापित करेगी, जिसकी मदद से 50 लाख घरों को रोशन किया जाएगा। टीपी नवीन ऊर्जा माइक्रोग्रिड की स्थापना में रॉकफेलर फाउंडेशन से तकनीकी मदद ली जाएगी। हालांकि रॉकफेलर फाउंडेशन इस उपक्रम में हिस्सेदारी नहीं करेगी।

टाटा पावर की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि कंपनी देश में सस्ती, विश्वसनीय और स्वच्छ बिजली प्रदान करने का प्रयास करेगी। इसके अलावा कंपनी की यह कोशिश बिजली से वंचित दुनियाभर के 80 करोड़ लोगों तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य से प्रेरित है। टाटा पावर ने बताया कि कंपनी भारत से ऊर्जा निर्धनता दूर करने के लिए 2026 तक नवीन ऊर्जा के 10 हजार माइक्रोग्रिड देशभर में स्थापित करेगी।

ग्रामीण क्षेत्र में सक्रिय व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरों में अभी तक ऊर्जा के लिए डीजल जैसे वैकल्पिक स्नोत का इस्तेमाल हो रहा है। बिहार और उत्तर प्रदेश में 40 परसेंट से अधिक ग्रामीण उद्योगों में इस प्रदूषक ऊर्जा स्नोत का उपयोग किया जा रहा है। नवीज ऊर्जा माइक्रोग्रिड के इस्तेमाल से एक वर्ष में करीब 10 लाख टन कार्बन उत्सर्जन घटाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा प्रति वर्ष करीब 5.7 करोड़ लीटर डीजल की बचत की जा सकेगी।

टाटा ने बताया कि स्थापना के बाद यह माइक्रोग्रिड करीब एक लाख ग्रामीण उद्योगों को बिजली प्रदान करेगा। इसके अलावा इसकी मदद से करीब दस हजार नौकरियों का सृजन होगा और चार लाख किसानों को सिंचाई की सुविधा प्रदान की जा सकेगी।

क्या होते हैं ग्रिड

ग्रिड मुख्य रूप से वैसे स्टेशन होते हैं, जो बिजली उत्पादन करने वाले दो या अधिक स्टेशनों को आपस में जोड़ते हैं। इसका फायदा यह होता है कि किल्लत वाले क्षेत्रों में जरूरत के वक्त उन जगहों से बिजली पहुंचाई या ली जा सकती है, जहां सरप्लस बिजली हो। वर्तमान में पूरे देश के पांच क्षेत्रीय पावर ग्रिड को मिलाकर एक नेशनल ग्रिड स्थापित किया गया है। माइक्रोग्रिड एक तरह से सबसे छोटे ग्रिड होंगे, जो कुछ घरों तक सीमित रहेंगे। योजना के मुताबिक टाटा पावर देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में माइक्रोग्रिड लगाएगी। इनमें सौर ऊर्जा की मदद से बिजली पैदा की जाएगी, जिसे संबंधित परिवारों को मुफ्त में दिया जाएगा। उपयोग के बाद बची हुई बिजली को नेशनल या रीजनल ग्रिड को बेचा जा सकेगा।

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