TCS ने कहा H-1B वीजा के लिए आवेदनों की संख्या घटी
नई दिल्ली : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा H-1B वीजा के लिए सख्त मानदण्ड लागू किए जाने के बाद भारतीय आईटी कंपनियां संयुक्त राज्य अमेरिका के कड़े वीजा मानदंडों का सामना कर रही हैं . बता दें कि भारत के आईटी निर्यात में अमेरिकी बाजार की हिस्सेदारी करीब 60 फीसद है.
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उल्लेखनीय है कि आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विस (टीसीएस) ने वर्ष 2015 के मुकाबले केवल एक तिहाई एच-1बी वीजा का आवेदन किया है, क्योंकि कंपनी अमेरिका में अपने काम के लिए वहां के ही इंजीनियरिंग तथा बी-स्कूलों से अब अधिक नियुक्तियां कर रही हैं.
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इस संबंध में टीसीएस के कार्यकारी उपाध्यक्ष (ईवीपी-मानव संसाधन) अजॉय मुखर्जी ने कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि हाल ही के कुछ वर्षों में स्थानीय रूप से नियुक्ति के मामले में कम्पनी ने अच्छी वृद्धि की है. उन्होंने आगे बताया कि टीसीएस सैकड़ों इंजीनियरिंग परिसरों और अमेरिका के बी-स्कूलों से एमबीए स्नातकों को नियुक्त कर रही है. यह सब कामकाजी वीजा पर हमारी निर्भरता को कम करने में हमारी मदद कर रहा है. वर्ष 2016 और इस वर्ष भी हमने वर्ष 2015 की तुलना में सिर्फ एक तिहाई वीजा के लिए आवेदन दिया है. यह आश्चर्यजनक बात है.