तकनीकी शिक्षा विभाग ने प्रदेश के नये 50 कालेजों को एनओसी की जारी
भोपाल : फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया (एफसीआई) ने अभी तक फार्मेसी कॉलेजों की मान्यता और निरंतरता जारी करना शुरू नहीं किया है और तकनीकी शिक्षा विभाग ने प्रदेश के नये 50 कालेजों को एनओसी जारी कर दी है।
यही कारण है कि विभाग ने अभी काउंसलिंग का कार्यक्रम जारी नहीं किया है। प्रदेश में गत वर्ष 116 बीफार्मा और 116 डी फार्मा कालेज की काउंसलिंग विभाग द्वारा कराई गई थी। वर्तमान सत्र में कितने कालेज भागीदारी करेंगे। इसकी स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। अभी तक करीब 80 कालेजों की निरंतरता ही जारी हो सकी है।
प्रदेश के नये कालेज खोलने के लिये पचास सोसायटी ने विभाग से एनओसी मांगी थी, जो उन्हें मिल चुकी है। अब सोसायटी को कालेज स्थापित कर प्रवेश कराने के लिये एफसीआई से मान्यता लेना है। एफसीआई ने अभी तक मान्यता देना तो दूर उनका इंस्पेक्शन तक शुरू नहीं किया गया है। इससे सत्र अधर में अटका दिखाई दे रहा है।
विद्यार्थियों के साथ कालेज संचालकों की सांसें भी फूल रही हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है। कि एफसीआई वर्तमान सत्र को कैसे संचालित करेगा, क्योंंकि तीस अक्टूबर तक एफसीआई को कालेजों की स्थिति साफ करना थी, जो अभी तक नहीं हो सकी है।
एआईसीटीई ने तीन साल से नये फार्मेसी कालेजों पर रोक लगा रखी है। इसके चलते प्रदेश में फार्मेसी कालेज नहीं बढ़ सके हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नये कालेजों को मान्यता देने का कार्य एफसीआई को दिया गया। वहीं दूसरी तरफ फार्मेसी की डिमांड बढ़ रही है।
इससे कुछ सालों में फार्मेसी में प्रवेश का ग्राफ बढा है। एफसीआई के अफसरों की धीमी कार्यशैली के कारण सत्र पिछड़ रहा है। इससे विद्यार्थी दूसरे कोर्स की तरफ डायवर्ड हो सकते हैं। इसका खामियाजा कालेजों को सूनी सीटें रहकर चुकाना पड़ सकता है।
पूर्व में विभाग ने बीफार्मा और डीफार्मा में प्रवेश देने के लिये करीब 15 हजार विद्यार्थियों के पंजीयन करा लिये थे। विभाग के पास सिर्फ 70 कालेज ही पहुंच सके हैं, जिसके पास करीब छह हजार 800 सीटें मौजूद हैं। कार्यक्रम जारी होने के बाद विद्यार्थियों को दोबारा से पंजीयन की सुविधा दी जाएगी। बीफार्मा के साथ 50 से ज्यादा डीफार्मा कालेजों को एनओसी दी गई है।