प्रदेश भर में होने वाले गृह निर्माण सहकारी समितियों के चुनावों में की निगरानी करेंगे तहसीलदार व एसडीएम
भोपाल : प्रदेश में बड़े शहरों में गृह निर्माण समितियों में फर्जीवाड़ा करने वाले भू माफिया पर नकेल कसने की तैयारी में है। करोड़ों रुपए कीमत वाली जमीन पर कुंडली मारकर बैठे भूमाफिया को अब गृह निर्माण समितियों से बेदखल करने और स्वच्छ निर्वाचन कराने के लिए राजस्व अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) और तहसीलदारों की मदद ली जाएगी। राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने इसकी पूरी प्लानिंग कर ली है और इसको लेकर संबंधित जिलों के कलेक्टरों से चर्चा भी कर ली है। जुलाई के बाद प्रदेश भर में होने वाले गृह निर्माण सहकारी समितियों के चुनावों में तहसीलदार व एसडीएम की निगरानी रहेगी।
हाउसिंग सोसायटियों के जरिये प्लाट की हेराफेरी करने वाले भूमाफिया प्रदेश के बड़े शहरों इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, धार समेत अन्य जिलों में सक्रिय हैं जो सोसायटी के संचालक मंडल को कब्जे में लेकर जमीन की बंदरबांट करते हैं। ,इंदौर, भोपाल में तो पिछले 13 सालों में हजारों मामले कलेक्टरों और सरकार के लिए परेशानी की वजह बन चुके हैं। इन समितियों के संचाकलों पर आरोप लगते हैं कि मूल सदस्य को प्लाट देने की बजाय नए सदस्य तैयार कर उन्हें भूखंड बेच देते हैं। ऐसे में हाउसिंग सोसायटी की मूल अवधारणा का पालन नहीं हो पाता है और ऐसे सदस्य प्लाट के लिए भटकते रहते हैं। इन हालातों में सरकार के पास भी हजारों शिकायतें पहुंचती हैं और इसके निराकरण के लिए राजस्व, पुलिस तथा सहकारिता विभाग के अफसरों को परेशान होना पड़ता है। इस पर नियंत्रण के लिए स्वच्छ छवि वाले सदस्यों को हाउसिंग सोसायटी में निर्वाचित कराने की तैयारी सरकार ने सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी के जरिये की है। इनके द्वारा ही जिन समितियों का कार्यकाल पूरा हो जाता है, उन समितियों के चुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रम जारी किए जाते हैं।
सदस्यों को नहीं मिलती सूचना
सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी कार्यालय के संज्ञान में आया है कि अस्सी फीसदी मामलों में समिति का संचालक मंडल सभी सदस्यों को सूचना नहीं देता है। ऐसे में जब भी चुनाव होते हैं तो संचालक मंडल के निर्वाचन में सभी सदस्य नहीं आ पाते। ऐसे में संचालक मंडल अपनी पसंद के लोगों को निर्वाचित करा लेता है और फिर प्लाट और मकान के विक्रय व हस्तांतरण में बंदरबांट की जाती है। कई मामलों में ऐसा भी होता है कि सदस्य अपना पता बदल देता है, इस कारण भी उसे सूचना नहीं मिल पाती और सोसायटी इसके लिए पर्याप्त प्रयास नहीं करती।
सीएम चाहते हैं फर्जीवाड़ा रुके
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि प्रदेश में हाउसिंग सोसायटी में होने वाले फर्जीवाड़े पर रोक लगे। इसलिए उन्होंने समितियों के चुनाव में राजस्व विभाग की भागीदारी तय करने को कहा है। एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस की मौजूदगी में चुनाव होने से निष्पक्षता की स्थिति बनी रहेगी।