मध्य प्रदेशराज्य

500 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया तेज,नगर निगम करेगा डेवलपमेंट

भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पिछले दिनों दिए गए एक बयान के बाद अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। सीएम के कहते ही अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने के लिए फाइलें नगर निगम में दौड़ने लगी हैं। शहर में 2019 के बाद बनी अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना है।

वैध किये जाने के बाद जो नई अवैध कॉलोनियों बनेंगी उनके बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। चूंकि शहर में फिलहाल अवैध कॉलोनियों की संख्या 593 है। इनमें से शहरी क्षेत्र की 150 से अधिक और ग्रामीण क्षेत्र में 443 अवैध कॉलोनियां हैं। इनमें लाखों लोग रह रहे हैं। सीएम के इस बयान के बाद से अवैध कॉलोनियों में रहने वाले सैकड़ों लोगों के चेहरे खिल उठे हैं। अवैध कॉलोनियों में डेवलपमेंट से जुड़े कोई भी कार्य नगर निगम नहीं करवा पाता। अब ऐसा नहीं होगा और ये कॉलोनी भी वैध की श्रेणी में शामिल हो जाएगी।

सबसे ज्यादा अवैध कालोनियां रातीबड़, नीलबड़, कलखेड़ा, चौपड़ा कला, र्इंटखेड़ी सहित अन्य क्षेत्रों में काटी गई हैं। यहां पांच सालों के अंदर सैकड़ों अवैध कॉलोनियां बनाई गई थीं। अब तक सरकार ने 2019 तक काटी गई अवैध कॉलोनियों को वैध किया है। अब 2019 के बाद काटी गई अवैध कॉलोनियों को विधानसभा चुनाव से पहले वैध किया जाएगा।

ये कॉलोनियां कोलार, होशंगाबाद रोड, बैरागढ़, एयरपोर्ट रोड, रायसेन रोड, खजूरीकलां, भानपुर, सेमरा, छोला, करोंद, ऐशबाग, गुलमोहर, बाग सेवनिया, दामखेड़ा, नरेला शंकरी, नयापुरा, बैरसिया रोड, गैस राहत कॉलोनी, विदिशा रोड आदि इलाकों में है।

नियमितीकरण का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोगों के अवैध मकान प्रक्रिया के तहत वैध हो जाने से उन्हें बैंक लोन की पात्रता मिल जाएगी। कॉलोनी में नगरीय निकाय के जरिए सड़क, बिजली, पानी की सुविधा मिलने लगेगी।

इन कॉलोनियों में नई बिल्डिंग निर्माण की परमिशन से पहले संबंधित को जोनल आॅफिस में डेवलपमेंट चार्ज जमा करना होगा। इसकी जानकारी के लिए संबंधित जोनल आफिस में इसके बाद उन्हें एनओसी जारी की जाएगी। जो मकान पहले से बन चुके हैं, उनकी कपाउंडिंग होगी और डेवलपमेंट चार्ज वसूला जाएगा।

सीएम ने कार्यक्रम में कहा था कि जो गरीब जहां रह रहा है, उसे वहीं का पट्टा दिया जाएगा। यह अवधि अब तक दिसंबर, 2014 तक मान्य थी, अब उसे बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2020 किया जा रहा है। ऐसे में शहर में छह साल में हजारों गरीबों को फायदा होगा। बताया जा रहा है कि घोषणा के बाद औपचारिक तौर पर आदेश निकाला जाएगा। इसके बाद सभी तहसीलों और नजूल वृत्तों में सर्वे कर ऐसे लोगों की सूची तैयार की जाएगी। ऐसे में इस प्रक्रिया में छह से आठ महीने का समय लगने की संभावना है। विभागीय सूत्रों की मानें तो सबसे ज्यादा पट्टे हुजूर तहसील में बांटे जाएंगे। बीते छह साल में मेट्रो प्रोजेक्ट सहित अन्य प्रोजेक्टों के निर्माण के कारण लोगों को सबसे ज्यादा हुजूर तहसील के क्षेत्र में शिफ्ट किया गया है। इसके बाद कोलार तहसील सहित अन्य नजूल क्षेत्रों में पट्टे वितरित किए जाएंगे।

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