तेलंगाना ने सिंगरेनी खदानों का कोयला दूसरे राज्यों में भेजे जाने का विरोध किया
तेलंगाना राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष बी. विनोद कुमार ने शनिवार को मांग की कि सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) की थडीचेरला खदानों से कोयले को दूसरे राज्यों में नहीं भेजा जाना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भूपालपल्ली थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पादन के लिए तडीचेरला के कोयले का सख्ती से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
उनका बयान देश के सामने कोयला संकट से निपटने के लिए केंद्र द्वारा एससीसीएल से कोयले की खरीद के संकेत के मद्देनजर आया है। कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार के कुछ शीर्ष अधिकारियों ने एससीसीएल अधिकारियों को थडीचेरला खदानों से दूसरे राज्यों में कोयले की आपूर्ति करने के लिए मौखिक निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि उन राज्यों में कोयले की कमी का हवाला देते हुए भूपालपल्ली थर्मल पावर स्टेशन के लिए थडीचेरला कोयले को दूसरे राज्यों में ले जाना उचित नहीं है। उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि वह सिंगरेनी कोयले को थडीचेरला से दूसरे राज्यों में ले जाने की किसी भी योजना को छोड़ दे। इस बीच, राज्य के वित्तमंत्री टी. हरीश राव ने आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा तेलंगाना का कोयला छीनने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने दावा किया कि केंद्र राज्य पर कोयले को दूसरे राज्यों में पहुंचाने का दबाव बना रहा है।
हरीश राव ने कहा, तेलंगाना में 15 दिनों के लिए कोयला भंडार है, जबकि नियमों के अनुसार, 22 दिनों के लिए थर्मल पावर स्टेशनों पर कोयले का भंडार होना चाहिए। फिर भी केंद्र हम पर अन्य राज्यों को कोयला देने के लिए दबाव बना रहा है कि उनके पास 2-3 दिनों के लिए आरक्षित है। मंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब भाजपा शासित राज्यों सहित कई राज्य बिजली कटौती कर रहे हैं, तेलंगाना सभी क्षेत्रों में चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति कर रहा है।
उन्होंने कहा, हम न केवल अपनी मांग पूरी कर रहे हैं, बल्कि पड़ोसी राज्यों को 60 लाख से 1 करोड़ यूनिट बेच भी रहे हैं।