तेलंगाना की महिला की नजर 7 चोटियों पर, अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी पर फतह कर रचा इतिहास
हैदराबाद। तेलंगाना की 24 वर्षीय अन्विता पदमती की नजर सात चोटियों पर है। साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली अन्विता पदमती ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी पर फतह हासिल की है। इससे पहले अन्विता ने माउंट मनासलु के ‘ट्र चोटी’ को फतह करके पहली भारतीय महिला के रूप में इतिहास रच दिया था। 17 दिसंबर को अन्विता ने अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन पर चढ़ाई की, जिसकी समुद्र तल से 4,892 मीटर की ऊंचाई है। वह ट्रांसेंड एडवेंचर्स इंडिया के साथ अंटार्कटिका में अंतरराष्ट्रीय अभियान दल का हिस्सा थीं, जो 3 दिसंबर को हैदराबाद से पुंटा एरेनास, चिली के लिए निकली थी। दस्तावेजीकरण और अन्य कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद उन्होंने 7 दिसंबर को अंटार्कटिका में यूनियन ग्लेशियर के लिए उड़ान भरी।
अन्विता ने कहा कि पहाड़ पर चढ़ना आसान नहीं था, लेकिन मैंने टीम के साथ सफलतापूर्वक इस पर चढ़ाई की। पिछले सभी पर्वतारोहण के अनुभव ने मेरी बहुत मदद की, यह 7 चोटियों के हिस्से के रूप में मैंने चोथी चोटी फतह की है। अन्विता ने बताया कि 8 से 15 दिसंबर तक उन्होंने अंटार्कटिका के मौसम के अनुकूल होने में समय बिताया और बेहद तेज हवाओं का सामना करते हुए तापमान शून्य से 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहा। अंत में 16 दिसंबर को उन्होंने चोटी पर चढ़ने का प्रयास किया।
यह दिन बहुत तेज हवा वाला दिन था, इस दिन तापमान माइनस 30 डिग्री था और मेरे हाथ बहुत ठंडे थे, जिस वजह से टेंट भी नहीं लग पा रहा था। बड़ी मुश्किल से हम टेंट लगाने में कामयाब हुए। 16 दिसंबर को हम लगभग 11 बजे अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़े, हम लगभग 9 बजे माउंट विंसन की चोटी पर पहुंचे और वहीं पर भारतीय ध्वज फहराया। चोटी पर लगभग 20 मिनट का समय बिताया जोकि बहुत ही शानदार अनुभव रहा। बहुत खराब हवा के कारण हमने अपना सारा सामान पैक किया और उसी दिन सीधे बेस कैंप के लिए उतर गए। इसमें हमें 20 घंटे का समय लगा। यह दिन काफी अच्छा और यादगार रहा। अन्विता के कोच और मेंटर शेखर बाबू बच्चनपल्ली ने कहा कि विंसन पर्वत पर चढ़ना तकनीकी रूप से कठिन नहीं है, लेकिन पहाड़ का स्थान अविश्वसनीय रूप से दूरस्थ है और परिस्थितियां अक्सर चरम पर होती हैं। ज्यादा सर्दी की स्थिति को देखते हुए अच्छा पैक-फिटनेस महत्वपूर्ण है।
अन्विता सात महाद्वीपों में फैली सात चोटियों को फतह करने का लक्ष्य बना रही है, अंटार्कटिका में यह उपलब्धि उनकी चौथी उपलब्धि है जोकि उन्हें अपने लक्ष्य के और करीब लाती है। जनवरी 2021 में अन्विता ने अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर चढ़ाई की थी। उन्होंने दिसंबर 2021 में यूरोपीय महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रस की चोटी पर फतह हासिल की और वह इस उपलब्धि को हासिल करने वाली एकमात्र भारतीय बन गईं। मई 2022 में उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन पर फतह करने के बाद वह सात चोटी के लक्ष्य को हासिल करने से सिर्फ तीन चोटियां दूर हैं। अन्विता भविष्य में दक्षिण अमेरिका में माउंट एकॉनकागुआ, ऑस्ट्रेलिया में माउंट कोसिस्कुस्को और उत्तरी अमेरिका में माउंट डेनाली की चोटी को फतह करेंगी।
अन्विता का अगला लक्ष्य दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी, अर्जेंटीना में माउंट एकॉनकागुआ है। उन्होंने बताया कि मैं फरवरी की चढ़ाई के लिए तैयारी कर रही हूं। अन्विता के पिता मधुसूदन रेड्डी एक किसान हैं और उनकी मां चंद्रकला पदमती आंगनवाड़ी स्कूल में काम करती हैं।