पश्चिमी नेपाल: भूस्खलन से बहा घर, गिरा अस्थायी आश्रय…7 लोगों की दर्दनाक मौत
नई दिल्ली: पश्चिमी नेपाल में पिछले 24 घंटों में लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में दो परिवारों के सात लोगों की मौत हो गई। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
‘भूस्खलन के कारण एक घर बह गया, 4 लोग जिंदा दफन हो गए’
पुलिस के अनुसार, रविवार रात बंगल नगरपालिका-10 में भूस्खलन के कारण एक घर बह गया, जिससे बझांग जिले में एक परिवार के चार सदस्य जिंदा दफन हो गए। पुलिस ने बताया कि मरने वालों में 50 वर्षीय काली धामी, उनकी बहू तथा छह एवं तीन साल के पोते शामिल हैं।
हालांकि, परिवार के छह अन्य सदस्य प्रकृति के इस प्रकोप से बच गए। जजरकोट जिले में, नलगढ़ नगरपालिका-2 के माझागांव में सोमवार की सुबह भूस्खलन के कारण एक अस्थायी आश्रय स्थल गिर गया, जिससे एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई।
एक दशक में 1,800 से अधिक लोगों की गई जान
पुलिस के अनुसार, पिछले साल भूकंप में घर ढहने के बाद से यह परिवार अस्थायी आश्रय स्थल में रह रहा था। पिछले महीने, चितवन जिले में नारायणघाट-मुगलिंग मार्ग के किनारे सिमलताल क्षेत्र में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ था, जिससे सात भारतीयों सहित 65 यात्रियों को ले जा रही दो बस बह गईं थीं। हिमालयी राष्ट्र में मानसून संबंधी आपदाओं के कारण एक दशक में 1,800 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस दौरान लगभग 400 लोग लापता हो गए और 1,500 से अधिक लोग आपदाओं में घायल हो गए।