कश्मीर : जम्मू कश्मीर के पुंछ इलाके में सेना के काफिले पर हुई आतंकी वारदात के बाद शनिवार को सुरक्षा बलों ने जांच में पाया कि आतंकियों ने इस हमले में स्टिकी बमों का इस्तेमाल किया था। सूत्रों ने बताया कि सेना के ट्रक पर लश्कर के आतंकियों ने 36 राउंड फायरिंग की थी। ट्रक से दो ग्रेनेड पिन भी बरामद हुई हैं। हमले का तरीका पिछले साल कटरा में हुए आतंकी हमले से मेल खाता है। आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के लिए सेना, राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 2000 कमांडो को तलाशी अभियान के लिए तैनात किया गया है। स्टिकी बम विस्फोटक उपकरण होते हैं जो वाहनों पर हमले में इस्तेमाल किए जाते हैं। इन्हें रिमोट से उड़ाया जा सकता है या टाइमर द्वारा सेट किया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, फॉरेंसिक टीम ने सेना के ट्रक पर चलाई गई 36 राउंड गोलियों सहित सभी नमूने एकत्र कर लिए हैं। बलों ने ट्रक से दो ग्रेनेड पिन भी बरामद किए हैं। सेना के एक जवान को निकालने वाले तीन पैरामेडिक्स के बयान भी दर्ज किए गए। इसके अलावा, हमले का तरीका पिछले साल कटरा में हुए हमले के समान ही लग रहा है।
पुंछ में आतंकियों की कायराना हरकत के बाद सबक सिखाने के लिए सेना, राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा व्यापक तलाशी अभियान जारी है। जबकि लगभग 2000 कमांडो को तलाशी अभियान के लिए तैनात किया गया है।
इस बीच आईबी ने गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के साथ एक रिपोर्ट साझा की है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस आतंकी हमले में दो गुटों के सात आतंकी शामिल थे। सूस का दावा है कि आतंकवादी पाकिस्तानी राष्ट्रवादी समूहों के हैं।
खुफिया सूत्रों ने कहा कि गुरुवार को सेना के वाहन पर हमला करने वाले आतंकवादियों ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की मदद से जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सक्रिय जमीनी कार्यकर्ताओं की मदद से ऐसा किया। इससे पहले, सूचना मिली थी कि जैश समर्थित आतंकी समूह, पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। हालांकि, संभव है कि हमले में लश्कर के आतंकवादी शामिल थे।