देहरादून (गौरव ममगाईं)। अब भारतीय बाजार में इलैक्ट्रिक कारों की प्रतिस्पर्ध्दा बढ़ने वाली है, क्योंकि विश्व की शीर्ष ई-कार कंपनी टेस्ला भारत में अपनी कारें उतारने की तैयारी में है। खास बात ये है कि टेस्ला की ये इलैक्ट्रिक कारें आधुनिक होने के साथ ही सस्ती भी होंगी। इससे देश में ई-कारों का चलन तेजी से बढ़ने के आसार हैं। वहीं, भारत कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने की दिशा में भी कदम बढ़ाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टेस्ला ने हर साल 50 लाख ई-वाहन बेचने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत अब टेस्ला ई-कार के नये बड़े बाजारों की तलाश में जुटी है। टेस्ला के मालिक एलन मस्क एक साल पहले से ही भारत को बड़ा बाजार बताते हुए यहां ई-कार का कारोबार शुरू करने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। अब टेस्ला कंपनी ने भारत में ई-कार उतारने की तैयारी कर ली है। इसके तहत कंपनी 2025 तक कॉम्पैक्ट क्रॉसओवर ई-कार का निर्माण करने पर जोर दे रही है, जो किफायती कारें होंगी। इन कारों को मध्यमवर्गीय परिवार भी खरीद सकेंगे। वहीं, टेस्ला रेडवुड कार को भी लॉन्च कर सकती है, जिसकी कीमत करीब 20 लाख या इससे कम हो सकती है। रेडवुड कार, टाटा की नेक्सॉन व महिंद्रा की एक्सयूवी कारों को टक्कर देगी। इससे कंपनी को भारत में बड़े कारोबार की उम्मीदें हैं। इससे हर साल 50 लाख वाहन बेचने का लक्ष्य भी हासिल किया जा सकेगा।
वहीं, भारतीय कार बाजार में टेस्ला के प्रवेश की चर्चाओं के बीच प्रमुख भारतीय कंपनी टाटा व महिंद्रा की चिंता बढ़ सकती है। मौजूदा समय में टाटा व महिंद्रा की कारों की भारत में खासी डिमांड हैं। अभी ये कंपनी ई-कार बनाने में बड़ी सफलता हासिल नहीं कर पाई हैं। जाहिर है कि ऐसे में टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क की भारतीय बाजार में ई-कारों के कारोबार पर कब्जा करने की कोशिश रहेगी। बता दें कि आज विश्व जीवांश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करते हुए ग्रीन एनर्जी को अपनाने पर जोर दे रहा है। इसी के तहत भारत ने वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने का लक्ष्य रखा है। इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूर्व में टेस्ला प्रमुख मस्क के साथ ई-कारों के भविष्य को लेकर बात कर चुके हैं। पीएम मोदी भी ई-कारों को प्रोत्साहन देने के पक्ष में रहे हैं।