टेक्सस गोलीबारी: जिस स्कूल में पढ़ते हैं, उसी के छात्रों को निशाना बनाते हैं ज्यादातर हमलावर
वाशिंगटन: अमेरिका (America) में साल 1999 में कोलंबिया हाई स्कूल (Columbia High School) में हुए नरसंहार को देश के लिये एक बड़ी और गंभीर घटना माना गया। देश के इतिहास में किसी स्कूल में हुई सामूहिक हत्या की यह सबसे भीषण घटना थी। इस घटना में कुल 13 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 12 छात्र और एक शिक्षक शामिल थे।
हालांकि भयावहता के मामले में अब यह घटना खिसककर चौथे स्थान पर पहुंच गई हैं। इसके बाद हुईं ऐसी ही कुछ अन्य घटनाओं ने इस घटना को पीछे छोड़ दिया है। ये तीनों घटनाएं बीते दशक में हुई हैं। साल 2012 में सैंडी हुक एलिमेंट्री स्कूल में हुए हमले में 26 बच्चों और स्कूल कर्मचारियों की मौत हो गई थी।
वहीं साल 2018 में फ्लोरिडा के पार्कलैंड में स्थित मेरजरी स्टोनमैन डगलस हाई स्कूल में हुई ऐसी ही एक घटना में 17 लोगों की जान चली गई। और अब 24 मई 2022 को टेक्सस के यूवेल्डे में रॉब एलिमेंट्री स्कूल में हुई घटना में कम से कम 19 बच्चों की जान चली गई। हम अपराधशास्त्री हैं, जो अमेरिका में सार्वजनिक स्थानों पर सामूहिक हत्याएं करने वालों के जीवन इतिहास का अध्ययन करते हैं।
हमने सार्वजनिक जानकारी का उपयोग करके सामूहिक हत्याओं को लेकर व्यापक आंकड़े तैयार किये हैं। इन आंकड़ों में हमने हमलावरों के स्थान और नस्लीय पहचान सहित 200 विभिन्न जानकारियों को एक धागे में पिरोने की कोशिश की है। सामूहिक हत्या की घटनाएं उन्हें कहा जाता है, जिसमें चार या उससे अधिक लोगों की मौत हुई हो। आंकड़ों के अनुसार इसका कोई अंतर्निहित आपराधिक गतिविधि, जैसे कि गिरोह या मादक पदार्थ से कोई संबंध नहीं होता है।
हमारे आंकड़ों से पता चलता है कि 1966 के बाद से पूरे अमेरिका में स्कूलों में गोलाबारी की 13 घटनाएं हुईं, जिनमें से पहली घटना 1989 में स्टॉकटन, कैलिफोर्निया हुई थी। ज्यादातर सामूहिक हत्याओं को किसी एक हमलावर ने अंजाम दिया। केवल दो वारदातों को दो हमलावरों ने अंजाम दिया, जिनमें 1999 की कोलंबिया हाई स्कूल की घटना और साल 1998 में अरकंसास के जोनेसबोरो के वेस्टसाइट स्कूल में हुई वारदात शामिल है, जिसमें 146 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कम से कम 182 लोग घायल हुए थे।
हमारे आंकड़ों के अनुसार स्कूलों में सामूहिक हत्या की सभी वारदातों को पुरुषों ने अंजाम दिया। इन हमलों में शामिल लोगों की औसत आयु 18 वर्ष थी। हाल में रॉब एलिमेंट्री स्कूल पर हुए हमले को अंजाम देने वाला भी कुछ दिन पहले 18 वर्ष का हुआ था और बालिग होते ही उसने कथित रूप से सेना में इस्तेमाल होने वाले दो हथियार खरीदे थे। अधिकारियों ने 25 मई को बताया था कि ऐसा लगता है कि हमलावर ने हमले में सेना में इस्तेमाल होने वाली बंदूक का उपयोग किया।
पुलिस ने अभी हमलावर के बारे में अहम जानकारियां जारी नहीं की हैं, जिनमें यह जानकारी भी शामिल है कि उसने इस वारदात को किसलिये अंजाम दिया। हमने पाया है कि ऐसे हमलों को अंजाम देने वाले ज्यादातर हमलावर उसी स्कूल को निशाना बनाते हैं, जिनसे उनका कोई न कोई संबंध होता है। टेक्सस गोलाबारी से पहले स्कूल में हुई गोलीबारी की 14 वारदातों में से 12 में, हमलावर स्कूल का मौजूदा या पूर्व छात्र था।
हाल में रॉब एलिमेंट्री स्कूल में हुई वारदात को अंजाम देने वाले का उस स्कूल से कोई पुराना नाता था या नहीं, इस बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। हमारे शोध और सामूहिक हत्याओं के अपराधियों के साक्षात्कारों से पता चलता है कि अधिकतर अपराधियों ने हत्या के इरादे से ही ऐसी वारदातों को अंजाम दिया। अधिकतर घटनाओं में हमलावर खुद भी मारा गया। हमारे आंकड़ों के अनुसार स्कूलों में सामूहिक हत्याओं की ऐसी 15 वारदातों में से केवल 7 में ही हमलावर को हिरासत में लिया गया। इसके अलावा सभी घटनाओं में हमलावरों की मौत हो गई।
ज्यादातर ने खुद ही अपनी जान ले ली। हाल में रॉब एलिमेंट्री स्कूल में हुई वारदात एकमात्र वारदात है, जिसमें पुलिस ने हमलावर को मौत के घाट उतार दिया। हमारे आंकड़ों के अनुसार स्कूलों में हमला करने वाले वारदात को अंजाम देने से पहले कोई पोस्ट, संदेश या चेतावनी देने वाले वीडियो जारी करते हैं।
अतीत में हुईं ऐसी घटनाओं से प्रेरित होकर कुछ हमलावर चर्चा में आने या कुख्यात बनने के लिये ऐसी वारदातों को अंजाम देते हैं। हालांकि अधिकतर हमलावर आक्रोश में आकर ऐसा करते हैं। हमारे आंकड़ों के अनुसार हमलावर इस तरह की वारदात को अंजाम देने से पहले कुछ संकेत जरूर देता है, लिहाजा इनसे संकेतों पर ध्यान देने से इस तरह के हमलों को रोका जा सकता है।