नई दिल्ली : पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ में नित नए खुलासे हो रहे हैं। अब इस मामले में एक नई जानकारी सामने आई है। बताया गया है कि 29 मई को सिद्धू की हत्या करने से पहले उनके गांव मानसा के पास एक फार्महाउस में इसका ट्रायल भी किया गया था। इसी ट्रायल के दौरान इन बदमाशों ने उन सब हथियारों का ट्रायल किया था जिसे इन्होंने इस पूरी साजिश को अंजाम देने के लिए अरेंज किया था। इन हथियारों में आस्ट्रिया की ग्लोक पिस्टल, जर्मनी की हेकलर एंड कोच पी-30 हैंडगन, स्टार पिस्टल और तुर्की की जिगाना सेमी आटोमैटिक पिस्टल शामिल थीं। इस्तेमाल में ये सभी ओके पाई गई उसके बाद 29 मई को इनका इस्तेमाल किया गया। पुलिस को ये सारी बातें गिरफ्तार किए गए शूटर अंकित, कशिश और प्रियव्रत ने बताई है।
इन लोगों ने स्पेशल सेल के अधिकारियों को बताया कि जब मूसेवाला पर गोलियां बरसाई गई उसके बाद ग्रेनेड भी फायर किया गया था मगर ग्रेनेड का पिन अटक गया जिसकी वजह से वो नहीं चल सका। दरअसल इन शूटर्स का इरादा था कि वो मूसेवाला को किसी भी तरह से जिंदा नहीं छोड़े, यदि गोलियों से उनके बचने की थोड़ी भी संभावना रह जाए तो वो ग्रेनेड फेंककर उनकी गाड़ी को ही उड़ा दें जिससे सब खत्म हो जाए।
हत्या को अंजाम देने के लिए आधा दर्जन से अधिक प्लान
शूटर्स ने ये राज भी खोला कि मूसेवाला की हत्या करने के लिए एक दो नहीं बल्कि आधा दर्जन से अधिक प्लान बनाए गए थे। इनमें से कुछ फुलप्रुफ थे जबकि एक दो में लड़कियों के शामिल न किए जाने की वजह से उन्हें ड्राप कर दिया गया था। शूटर्स को पता था कि मूसेवाला तक पहुंचना आसान नहीं होगा इस वजह से वो मीडिया या फिर पुलिस के वेश में उन तक पहुंचना चाहते थे। इसका पूरा खाका भी उन्होंने तैयार कर लिया था। पुलिस को आरोपियों के पास से पंजाब पुलिस की वर्दी भी मिली थी जिसके बारे में पूछताछ करने पर ये राज खुला। इनकी एक योजना ये भी थी कि दो महिला और दो पुरुष पंजाब पुलिस की वर्दी पहनकर मूसेवाला का घर के अंदर जाएंगे। वहां उन्हें गोलियों से भून देंगे। मगर घर में कड़ी सुरक्षा होने की वजह से ऐसा संभव नहीं हो पा रहा था।
इन शूटरों का एक प्लान ये भी था कि सिद्धू पर पत्रकार बनकर हमला किया जाए। इससे पहले उन पर कोर्ट में हमला करने की तैयारी थी, इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई थी। सब कुछ प्लान के मुताबिक हो रहा था मगर ऐेन मौके पर सिद्धू मूसेवाला उस गेट से बाहर ही नहीं निकले जहां पर शूटर उनका इंतजार कर रहे थे। एक बात और बताई गई कि सिद्धू एक बार एक कबड्डी मैच का उद्घाटन करने के लिए चीफ गेस्ट बनकर गए थे। वहां भी उनको मारने की योजना थी मगर वहां पर इसे इस वजह से अंजाम नहीं दिया जा सका कि ताबड़तोड़ गोली चलाए जाने से वहां मौजूद अन्य लोग भी बेमौत मारे जाते।
इन सबके फेल हो जाने और कुछ में स्थितियों को ध्यान में रखते हुए अमल में न लाए जाने के बाद ये तय किया गया कि अब जब वो बिना बुलेटप्रुफ गाड़ी के निकले और उनके साथ सुरक्षाकर्मी भी न हो इसे उसी दिन अंजाम दिया जाए। उसके बाद गिरोह में शामिल लोगों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई और 29 मई को सिद्धू बिना सुरक्षा के और बुलेटप्रुफ गाड़ी के घर से निकले, उसके बाद शूटरों ने अपनी योजना के अनुसार उनकी हत्या कर दी। पुलिस की पूछताछ में अभी कुछ और नई जानकारियां भी सामने आएंगी।