गढ़वा: बिहार का ठग गिरोह झारखंड में भोले भाले लोगों को अपना शिकार बना रहा है। इस इंटर स्टेट गिरोह ने झारखंड के गढ़वा में कागज का बंडल थमाकर एक व्यक्ति से 11 लाख 30 हजार रुपये ठग लिए। गढ़वा पुलिस ने गिरोह के दो शातिरों को गिरफ्तार किया है। माइक्रोफाइनेंस कंपनी के नाम पर 50 लाख रुपये लोन देने का झांसा देकर दोनों ने पीड़ित को अपना शिकार बनाया। उनकी गिरफ्तारी बिहार के रोहतास जिलांतर्गत अलग-अलग गांवों से की गई है। गढ़वा एसपी अंजनी कुमार झा यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस के पूछताछ में दोनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। गिरफ्तार ठग रौशन कुमार और हरेन्द्र प्रजापति ममेरे-फुफेरे भाई हैं। एसपी ने बताया कि साद थाना क्षेत्र के झुरा गांव निवासी दशरथ राम ने 20 जनवरी को आवेदन देकर घटना की जानकारी दी थी।
पीड़ित के अनुसार तीन महीने से दो व्यक्ति उसके पास माइक्रोफाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बताकर 50 लाख रुपये लोन देने का झांसा दे रहे थे। उन्होंने अपना नाम कंपनी के प्रबंधक और कर्मचारी के तौर पर बिहार के औरंगाबाद के प्रमोद सिंह और सोनू सिंह बताया था। कागजी खानापूर्ति के बाद दशरथ राम को 50 लाख का लोन स्वीकृत कर दिया गया। इसके लिए 11 लाख 30 हजार की सिक्योहिटी मनी देना था। दोनों शातिर 17 जनवरी को 50 लाख की राशि लेकर लोन डिलीवर करने दशरथ राम के घर पहुंच गये। 50 लाख देने के पहले दोनों ने दशरथ राम से सिक्योरिटी मनी के 11.30 लाख रुपये ले लिए। राशि लेने के बाद दोनों ने 50 लाख का बंडल थमा दिया। घर आकर जब बंडल खोला तो उसमें कागज का टुकड़ा था। उसके बाद ठगी का शिकार बने दशरथ ने केस दर्ज कराया।
जांच के लिए एसआईटी का किया गया गठन
केस दर्ज होने के बाद एसपी ने एसआईटी का गठन किया। एसआईटी की टीम ने तमाम संदिग्ध स्थलों, विभिन्न होटल, लॉज, रेस्टोरेंट की तलाशी ले गई जहां दोनों रूकते थे। अनुसंधान के क्रम में ही स्टेशन रोड स्थित आरडीएस इन में ठहरने की जानकारी हुई। जांच के क्रम में ही उनकी पहचान बिहार के कैमूर जिलांतर्गत दंडवास गांव निवासी रौशन कुमार और रोहतास जिलांतर्गत बाबु का बहुआरा गांव निवासी हरेंद्र प्रजापति के तौर पर हुई।
दिल्ली के गिरोह से संपर्क
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार शातिर रौशन दिल्ली में टेम्पू चलाता था। दिल्ली में ही वह बड़े ठग के संपर्क में आ गया और ठगी का धंधा शुरू कर दिया। दिल्ली में भी कई लोगों को चुना लगाया। लॉकडाउन में वह अपने घर आ गया और हरेन्द्र के साथ मिलकर गांव में ही ठगी का काम शुरू कर दिया। लेकिन इनके झांसे में गांव के लोग नहीं आए। उसे बाद इन लोगों ने झारखंड को अपना ठिकाना बनाया।
शादी समारोह के बीच हुई गिरफ्तारी
उसके बाद उसने अपने फुफेरे भाई हरेंद्र प्रजापति के साथ मिलकर गढ़वा और डाल्टनगंज को नया ठिकाना बनाया। उसके बाद उन्होंने दशरथ को झांसे में लेने का प्रयास किया और दोनों सफल रहे। उससे ठगी किए गए 11.30 लाख रुपये में पांच लाख रुपये रौशन ने अपने बैंक में जमा कर दिया। वहीं चार लाख रुपये अपने फुफेरे भाई हरेंद्र को बहन की शादी के लिए दे दिया। बाकी 2.30 लाख रुपये दोनों ने खर्च किए। हरेन्द्र की बहन की शादी समारोह के बीच दोनों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने रौशन के बैंक खाते को फ्रीज करा दिया है। उनकी गिरफ्तारी के लिए गठित छापेमारी टीम में इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी कृष्ण कुमार के अलावा प्रवीण कुमार, संतोष कुमार पांडेय, अभिमन्यु कुमार सिंह, नीरज कुमार पांडेय, श्याम बिहारी यादव, नरेश मांझी, सुरेंद्र भगत सहित सशस्त्रत्त् बल के जवान शामिल थे।