शुरू हुआ धनतेरस का शुभ मुहूर्त, इस तरह पूजा करने से खूब बरसेगा पैसा
नई दिल्ली- धनतेरस का शुभ मुहुर्त आज शाम से शुरू हो चुका है। धनतेरस के दिन दीपदान करने का विशेष महत्व बताया गया है। दीपदान करने से अकाल मृत्यु नहीं होती है। धनतेरस की शाम को मुख्य द्वार पर 13 और घर के अंदर 13 दीप जलाने चाहिए। मुख्य दीपक रात को सोते समय जलाया जाता है। इस दीपक को जलाने के लिए पुराने दीपक का उपयोग किया जाता है। यह दीपक घर के बाहर दक्षिण की तरफ मुख करके जलाना चाहिए। दरअसल, दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि घर में दीया घुमाने से इस दिन सारी नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है।
कैसे करे पूजा
संध्याकाल में उत्तर की ओर भगवान कुबेर और धन्वंतरि की स्थापना करें। दोनों के सामने एक-एक मुख का घी का दीपक प्रज्वलित करें। कुबेर को सफेद मिठाई और धन्वन्तरि को पीली मिठाई चढ़ाएं। पहले “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” का जाप करें। फिर “धन्वन्तरि स्तोत्र” का पाठ करें। प्रसाद ग्रहण करें। पूजा के बाद दीपावली पर कुबेर को धन स्थान पर और धन्वन्तरि को पूजा के स्थान पर स्थापित करें।
पूजा का मुहूर्त
इस बार त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 02 मिनट से आरम्भ शुरू हो चुका है। कारोबार में विस्तार और उन्नति के लिए धनतेरस पर धातु का दीपक खरीदना बेहद फलदायी होता है। कारोबारियों को इस दिन बहीखाता भी खरीदना चाहिए। संतान संबंधी समस्या से निजात पाने के लिए थाली या कटोरी, स्वास्थ्य और आयु के लिए धातु की घंटी और घर में सुख शांति और प्रेम के लिए खाना पकाने का बर्तन खरीदना शुभ रहता है। धनतेरस के दिन छोटी ही सही, पर चांदी की वस्तु जरूर खरीदें। इसे लाकर घर में पूजा स्थान पर रख दें। दीपावली के दिन इस वस्तु को मां लक्ष्मी को अर्पित करें। दीपावली के अगले दिन इसको चावल के ढेर में डाल दें। इसे साल भर वहीं रहने दें। इससे धन की सारी समस्या दूर हो जाएगी। पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान धन्वन्तरि समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। धनतेरस पर भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। इस दिन सोना, चांदी या पीतल की चीजें खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। दीपावली के लिए गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां और अन्य पूजन सामग्री भी इसी दिन खरीद लेनी चाहिए।