पंजाब के स्कूलों में नए वर्ष के शुरूआती महीनों में दिखेगा अब तक का सबसे बड़ा बदलाव
लुधियाना: पंजाब के लोगों को बेहतरीन शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराने का फैसला कर चुकी मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने राज्य में सत्ता संभालने के पहले साढ़े 9 महीने में ही शिक्षा सुधारों का रोड मैप तैयार कर उसको लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। शिक्षा माहिरों की मानें तो मुख्यमंत्री मान के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस की कार्यशैली का असर आने वाले नए वर्ष 2023 के शुरूआती महीनों में ही जनता को दिखाई देने लगेगा क्योंकि मिशन 100 प्रतिशत की कमान अपने हाथों में लेने वाले शिक्षा मंत्री आए दिन अध्यापकों से एजुसैट पर बात करके नए से नए गुर दे रहे हैं, जिसका परिणाम बोर्ड एग्जाम में आवश्यक सुधारों का जीवंत उदाहरण बनेगा, वहीं स्कूल ऑफ एमीनैंस की शुरूआत को राज्य के शिक्षा इतिहास के सबसे बड़े बदलाव के रूप में देखा जाएगा।
पहली बार मैगा पी.टी.एम.
उन्होंने बताया कि राज्य में यह पहली बार हुआ है कि सरकारी स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक बैठक करवाई गई जिसमें 15 लाख से अधिक अभिभावकों ने शिरकत की और साथ ही रा’य के मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, डिप्टी कमिश्नरों और सब-डिवीजन मैजिस्ट्रेटों द्वारा इस अभिभावक-शिक्षक बैठक में भाग लिया हो। उन्होंने बताया कि मान सरकार द्वारा असैसमैंट संबंधी जिला स्तरीय टीम की संरचना में बदलाव किया गया है जिससे सरकारी स्कूलों की सही असैसमैंट हो सके। इसके अलावा स्कूलों में ब‘चों की संख्या अनुसार अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए जहां लगातार भर्ती प्रक्रिया चलाई जा रही है वहीं साथ ही बी.एम./डी.एम. के तौर पर सेवा निभा रहे अध्यापकों को भी मिशन 100 प्रतिशत की सफलता के लिए स्कूल में वापस तैनात किया गया है।
स्पोर्ट्स कल्चर को मिल रहा बढ़ावा
स्कूलों में स्पोर्ट्स कल्चर को बढ़ाने के लिए राज्य भर के स्कूलों को खेलों का सामान खरीदने, खेल मैदानों को तैयार करवाने और उनके रख-रखाव के लिए करोड़ों रुपए जारी किए गए हैं और जरूरत अनुसार आगे भी जारी किए जाते रहेंगे। इस कदम का मुख्य उद्देश्य राज्य भर के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को स्कूल से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक तैयार करना है ताकि वे अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भाग लेते हुए देश का नाम रोशन कर सकें जिसकी शुरूआत स्कूलों से की जा रही है। ‘खेडां वतन पंजाब दीयां’ में भी राज्य भर के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने भाग लेते हुए अपने खेल कौशल का शानदार प्रदर्शन किया है जिसे और निखारने की जरूरत है जिसके लिए मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के अनुसार शिक्षा विभाग प्रयासरत है।
अब तक क्या किए सुधार?
इस संबंधी जानकारी देते हुए पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि जहां राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों की इमारतों और अन्य कार्यों के लिए 228 करोड़ से अधिक के फंड अप्रैल, 2022 से अब तक जारी किए गए हैं वहीं स्कूल में जरूरी साजो-सामान की खरीद के लिए भी पैसा दिया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की तरफ से राज्य में 100 स्कूल ऑफ एमीनैंस बनाने का फैसला किया गया है और इन स्कूलों के नक्शों संबंधी कार्य आखिरी चरण में है। राज्य सरकार ने कर्मचारी हितैषी होने का प्रमाण देते हुए लंबे समय से कच्चे अध्यापकों के तौर पर सेवा निभा रहे कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नोटीफिकेशन जारी करके आगामी प्रक्रिया के लिए पोर्टल शुरू किया। प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा धर्मनिरपेक्षता सुनिश्चित करने और जात-पात को खत्म करने के लिए राज्य में स्थित ऐसे सभी सरकारी स्कूलों के नाम बदलने के आदेश जारी किए गए हैं जिनके नाम जात-बिरादरी आधारित रखे गए हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार की तरफ से स्कूलों के नाम शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के नामों पर रखने का फैसला भी किया गया है।
अध्यापन कार्यशैली में निखार के लिए विदेश की उड़ान भरेंगे अध्यापक
प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षा विभाग पंजाब में काम कर रहे स्कूल शिक्षा प्रशासकों, स्कूल मुखियों और अध्यापकों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण प्रदान करवाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा मामले सैल (इंटरनैशनल एजुकेशन अफेयर्ज सैल) की स्थापना की गई है। इसके साथ ही हाल में सिंगापुर के नामी मैनेजमैंट स्कूल से स्कूल मुखियों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन प्राप्त करने के लिए वैबसाइट खोली गई है। इसके साथ ही बिजनैस ब्लास्टर यंग एंटरप्रेन्योर पायलट स्कीम की शुरूआत करके सरकारी स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के व्यापारिक सपनों को साकार करने के लिए मौका दिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों के अध्यापकों के लिए तबादला नीति में जरूरी संशोधन करके अध्यापकों के घरों के नजदीक ट्रांसफर की गई जिससे अध्यापक अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी सही ढंग से निभा सकें। प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दे रही गैर-सरकारी संस्थाओं के साथ परस्पर सहयोग बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग के कार्यालय निदेशक राज्य शैक्षिक खोज एवं प्रशिक्षण परिषद में ‘पार्टनरशिप सैल’ स्थापित किया गया है।