अन्तर्राष्ट्रीय

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के स्मारक के पास मिली 300 पक्षियों की लाश, मौत की वजह जान हो जाएंगे हैरान

अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के इमारत के पास सैकड़ो सॉन्गबर्ड्स मरी हुई मिली हैं. इन सॉन्गबर्ड्स की लाशें 9/11 हमले के बाद गिरे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारतों के पास बने स्मारक के पास मिली हैं. स्मारक के पास का स्थान इन प्यारे सॉन्ग बर्ड्स के लाशों से भरा हुआ था. इनकी मौत का कारण आसपास की गगनचुंबी इमारतो से टकराकर हुई है, इन मासूम पक्षियों की मौत जिन गगनचुंबी बिल्डिंगों से टकराकर हुई है उन सभी में कांच की खिड़कियां लगी हुई थी. इतने बड़ी संख्या में सॉन्गबर्ड्स की मौत से पक्षी विज्ञानी काफी परेशान और चिंतीत हैं.

बड़ी इमारतों से टकराकर गई पक्षियों की जान

न्यूयॉर्क के मैनहटन इलाके में बड़ी इमारतों से टकराकर पक्षियों की जान जाने की खबर अक्सर आती रहती है. पर इस सप्ताह कुछ ज्यादा ही पक्षियों की मौत की घटना सामने आई है, जो चिंता का विषय बना हुआ है. न्यूयॉर्क ऑडूबॉन की एक कर्मचारी मेलिया बेयर ने स्मारक के पास मरे इन पक्षियों के शव की तस्वीर ट्विटर पर डाली. उनके इस तस्वीर को देखकर लोगों के होश उड़ गएं. न्यूयॉर्क ऑडूबॉन ने बताया कि सोमवार को आए तूफान के कारण पक्षियों के मौत के आंकड़ें को बढ़ा दिया.

पक्षी विज्ञानी जांच में जुटे

कैटीनिन पार्किंस ने बताया कि हो सकता है कि बड़ी और ऊंची इमारतों से दिखने वाले आसमानी प्रतिबिंब और रौशनी से धोखे की वजह से सॉन्गबर्ड्स उन से टकरा गई. यह हादसा भी उस वक्त हुआ तब न्यूयॉर्क में तूफान का खतरा था और यह खराब मौसम और तूफान से बचने के लिए भाग रही थी इसी क्रम में यह इन इमारतों कि खिड़कियों से टकरा गई और इनकी मौत इतने बड़े संक्या में हो गई. फिलहाल पक्षी विज्ञानी इन मौतों के कारण को ढूंढने में लगे हुए हैं.

इन प्यारे सॉन्गबर्ड्स के लाशों की तस्वीर डालने वाली मेलिसा ब्रेयर ने कहा कि जब में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के इमारतों के आस पास गई तो वहां के स्मारक के पास सैकड़ों खूबसूरत सॉन्गबर्ड्स की लाशें पड़ी हुई थी. मैं यह देखकर हैरान हो गई. स्मारक के चारो ओर उनकी लाशे पड़ी हुई थी.

इमारतों की रौशनी कम करने की गुजारिश

न्यूयॉर्क ऑडूबॉन के वॉलंटियर्स ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और मैनहटन इलाके के सभी बड़ी इमारतों के प्रबंधन करने वालों से विनती की है कि वह रात के वक्त रौशनी को कम कर दे ताकि पक्षियों को दिक्कत न हो और वह कांच की खिड़कियों से न टकराए और न उनकी जान जाए.

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