हरिद्वार : नेशनल हेराल्ड केस को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष लगातार विपक्ष की आवाज को कमजोर करने का काम कर रहा है। जब ट्रांजैक्शन हुआ ही नहीं है तो मनी लॉन्डरिंग का मामला कैसे बनता है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हरिद्वार में संवाददाताओं से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपनी जिद में विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने भी केंद्र पर जमकर निशाना साधा।
हरीश रावत ने कहा कि सत्ता पक्ष लगातार विपक्ष की आवाज को कमजोर करने का काम कर रहा है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी कानून का सम्मान करते हुए ईडी के समक्ष पेश हुए। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी तो ईडी का दबाव सहन भी कर लेंगे लेकिन सवाल आम आदमी का है। जब ट्रांजैक्शन हुआ ही नहीं तो मनी लॉन्डरिंग का मामला कैसे बनता है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने जिस दिन भाजपा छोड़ी थी, 6 दिन के अंदर सीबीआई की दबिश हो गई। उसके बाद ईडी की जांच बैठी। येदुरप्पा और उनके बेटे ने जब बीजेपी छोड़ी, ईडी की जांच बैठ गई। उन्होंने नेशनल हेराल्ड मामले पर कहा कि जब कोई मनी लॉन्ड्रिंग हुई ही नहीं है, तो कहां घोटाला हुआ। इस केस में ईडी एक बार एनओसी दे चुकी है।
उसके बाद एक विवादित नेता, जो आज के समय में बीजेपी के विधायक हैं, वह उस समय तत्कालीन अधिकारी थे। उसने इस केस को पुनर्जीवित किया और अपनी सर्विस खत्म होने से पहले बीजेपी के टिकट से यूपी से चुनाव लड़ा। आज वह विधायक हैं। लोकतंत्र में विरोधियों को डराने के लिए जो पार्टी को छोड़कर चला गया। लोकतंत्र की आवाज को दबाने के लिए ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल हो रहा है।