उत्तर प्रदेश

छेड़छाड़ के विरोध पर ट्रेन के आगे फेंकी गई छात्रा की हालत अभी भी नाजुक, एयरलिफ्ट कर भेजा जा सकता है दिल्ली

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बरेली में 10 अक्टूबर को छेड़छाड़ का विरोध करने पर दो बदमाशों द्वारा ट्रेन के आगे फेंकी गई छात्रा की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। हादसे में उसके दोनों पैर एक हाथ टूट गया और उसकी कई हड्डियां भी टूट गई। गंभीर हालत में उसे अस्पताल भर्ती कराया गया। जहां पर उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने उसके शरीर से ब्लीडिंग बंद होने की जानकारी दी है। इसी बीच यह भी जानकारी मिली है कि छात्रा को एयरलिफ्ट कर दिल्ली के हायर सेंटर भी भेजा जाएगा।

बता दें कि डीएम रविंद्र कुमार ने पीड़िता के पिता को आश्वस्त किया कि जरूरत पड़ने पर उनकी बेटी को एयरलिफ्ट कर दिल्ली के हायर सेंटर भी भेजा जाएगा। वहीं हाल जानने मेडिकल कॉलेज पहुंचे वन राज्यमंत्री डॉ. अरुण कुमार से पिता ने 25 लाख रुपये की मदद और सरकारी नौकरी की मांग की। घायल छात्रा के पिता के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में इलाज के बाद बृहस्पतिवार को ब्लीडिंग बंद होने की जानकारी चिकित्सकों ने दी है। हालांकि, अस्पताल में छात्रा की स्थिर बताई जा रही है। आयुष्मान कार्ड से उसका इलाज किया जा रहा है।

तीन दिनों से छात्रा की हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं, सीएमओ ने आईएमए ब्लड बैंक को पत्र भेजकर निशुल्क ब्लड मुहैया कराने के लिए कहा है। छात्रा अभी वेंटिलेटर पर है। मेडिकल कॉलेज में मजबूत सुरक्षा घेरा निजी मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती छात्रा की सुरक्षा के लिए दो सब इंस्पेक्टर और चार महिला कांस्टेबल की क्रमिक ड्यूटी लगाई गई है। कुछ अधिकारियों और परिजनों के अलावा किसी को भी छात्रा से मुलाकात करने की इजाजत नहीं है। राजस्व निरीक्षक भी तैनात हैं। ताकि जब भी छात्रा ठीक हो और बातचीत के लिए सक्षम हो तो उसका बयान लिया जा सके। फिलहाल पुलिस मामले में जांच कर रही है। छात्रा की साइकिल भी पुलिस ने बरामद कर ली है।

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