देश को HAL के रूप में मिली 14वीं महारत्न कंपनी
नई दिल्ली ( दस्तक ब्यूरो) : भारत सरकार ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ( HAL) को महारत्न कंपनी का दर्जा दे दिया है जिसके साथ ही देश में कुल महारत्न कंपनियों की संख्या 14 हो गई है। केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज ने इस बात की घोषणा की है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ( HAL) ने वित्त वर्ष 2023-24 में 28162 करोड़ रूपए का वार्षिक कारोबार किया है और 7595 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया है जो अर्थ जगत में उसके बढ़ते परफॉर्मेंस को दर्शाता है। भारत को एक आर्थिक महाशक्ति बनाने में इन महारत्न कंपनियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रहने वाली है। HAL की महारत्न कंपनी बनना भारत के डिफेंस सेक्टर के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत में कुल कितनी महारत्न कंपनियां हैं :
इस समय देश में HAL को लेकर 14 महारत्न कंपनियां मौजूद हैं, जिनमें भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, कोल इंडिया लिमिटेड, गेल इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, एनटीपीसी लिमिटेड, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड शामिल है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी आरईसी (REC Ltd.) को भी ‘महारत्न’ सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज (CPSE) का दर्जा मिल गया है। यह दर्जा मिलने से कंपनी को ज्यादा ऑपरेशनल और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी मिली है। आरईसी महारत्न का खिताब पाने वाली 12वीं कंपनी थी। वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले लोक उपक्रम विभाग ने इस बारे में आदेश जारी किया था। आरईसी का गठन 1969 में हुआ था। यह गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है जो देशभर में पावर सेक्टर के फाइनेंस और डेवलपमेंट पर केंद्रित है।
भारत में नवरत्न कंपनियों की स्थिति:
देश में अभी तक नवरत्न कंपनियों की संख्या 12 थी। रेल विकास निगम लिमिटेड के जुडने के साथ इनकी संख्या 13 हो गई है।जिसमें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड, नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड, नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड, नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, एनएमडीसी लिमिटेड, ऑयल इंडिया लिमिटेड, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड है। मिनीरत्न-1 श्रेणी की कुल 62 कंपनियां देश में थी। रेल विकास निगम लिमिटेड के नवरत्न में शामिल होने के बाद इनकी संख्या 61 हो गई है। मिनी रत्न-2 श्रेणी में इस समय देश में 12 कंपनियां शामिल हैं।
सीपीएसई को महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न का दर्जा देने के लिए पात्रता मानदंड :
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) को महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न का दर्जा देने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं:
महारत्न का दर्जा देने के लिए मानदंड :- निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करने वाले सीपीएसई महारत्न का दर्जा देने के लिए विचार किए जाने के पात्र हैं। (i) नवरत्न का दर्जा प्राप्त होना।(ii) सेबी नियमों के तहत न्यूनतम निर्धारित सार्वजनिक शेयरधारिता के साथ भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध।(iii) औसत वार्षिक कारोबार पिछले 3 वर्षों के दौरान 25,000 करोड़ रु.(iv) औसत वार्षिक शुद्ध संपत्ति पिछले 3 वर्षों के दौरान 15,000 करोड़ रु.(v)रुपये से अधिक का कर पश्चात औसत वार्षिक शुद्ध लाभ। पिछले 3 वर्षों के दौरान 5,000 करोड़ रु.(vi) महत्वपूर्ण वैश्विक उपस्थिति/अंतर्राष्ट्रीय संचालन होना चाहिए।
नवरत्न का दर्जा देने के लिए मानदंड :- मिनीरत्न श्रेणी – I और अनुसूची ‘ए’ सीपीएसई, जिन्होंने पिछले पांच वर्षों में से तीन में समझौता ज्ञापन प्रणाली के तहत ‘उत्कृष्ट’ या ‘बहुत अच्छी’ रेटिंग प्राप्त की है, और चयनित छह वर्षों में उनका समग्र स्कोर 60 या उससे अधिक है। प्रदर्शन पैरामीटर, अर्थात्, (i) शुद्ध लाभ से शुद्ध मूल्य,(ii) उत्पादन/सेवाओं की कुल लागत से जनशक्ति लागत,(iii) नियोजित पूंजी पर मूल्यह्रास, ब्याज और करों से पहले लाभ,(iv) टर्नओवर के लिए ब्याज और करों से पहले लाभ,(v) प्रति शेयर कमाई और (vi) अंतर-क्षेत्रीय प्रदर्शन।
मिनीरत्न दर्जा देने के लिए मानदंड :- जिन सीपीएसई ने पिछले तीन वर्षों में लगातार मुनाफा कमाया है और उनकी निवल संपत्ति सकारात्मक है, वे मिनीरत्न का दर्जा देने के लिए विचार करने के पात्र हैं।