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सीबीआई मामलों की अदालत ने दो उप डाकपालों समेत तीन लोगों को सुनाई चार-चार साल की सजा, जुर्माना भी लगाया

धौलपुर। सीबीआई मामलों के विशेष न्‍यायाधीश, जयपुर (राजस्‍थान) ने दो उप-डाकपालों समेत तीन लोगों को चार साल कैद की सजा सुनाई है। दो अलग-अलग मामलों में प्रत्येक व्यक्ति को चार वर्ष की कैद भुगतनी पड़ेगी। प्रत्येक पर प्रति केस 02 लाख रु. (अर्थात कुल 8 लाख रु. का जुर्माना) के जुर्माने भी लगाया।

पहला मामला धौलपुर डाक अधीक्षक की शिकायत पर दिनांक 29 सितंबर 2017 को दर्ज किया गया था। इसमें आरोप है कि बहादुर सिंह ने वर्ष 2010-11 की अवधि के दौरान उप-डाकपाल, उप-डाक घर, सब्जीमंडी, धौलपुर के रूप में काम करते हुए, पंकज कुमार सिंघल (निजी व्यक्ति) के साथ भ्रष्टाचार का षड्यंत्र रचा था। आगे ऐसा आरोप है कि आरोपियों ने खाताधारकों की 04 मूल पासबुक प्राप्त की एवं निकासी प्रपत्रों/खाता बंद करने वाले प्रपत्रों पर खाताधारकों के जाली हस्ताक्षर किए। 04-खातों के एमआईएस/एसबी खातों से राशि निकाल ली। इससे डाक विभाग को 11,46,080 रुपए का नुकसान हुआ।

जाँच के बाद सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, जयपुर की अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया। आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय किए गए। दूसरा मामला भी धौलपुर डाकघर के अधीक्षक की शिकायत के आधार पर दर्ज हुआ था। इसमें आरोप है कि वर्ष 2013-14 की अवधि के दौरान रघुबर दयाल शर्मा, तत्कालीन उप-डाकपाल ने पंकज कुमार सिंघल (निजी व्यक्ति) के साथ मिलकर भ्रष्टाचार का षडयंत्र किया। उन्होंने 5 खाताधारकों की मूल पासबुक प्राप्त की और निकासी प्रपत्रों/खाता बंद करने वाले प्रपत्रों पर खाताधारकों के रूप में जाली हस्ताक्षर करके 05 एमआईएस/एसबी खातों से राशि निकाली। इससे डाक विभाग को 15,85,730 रुपए की हानि हुई।

जांच के बाद सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश की अदालत, जयपुर में आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया । आरोप तय किए गए। अदालत ने दोनों मामलों में उक्त सभी आरोपियों को कसूरवार पाया एवं उन्हें दोषी ठहराया।

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