नई दिल्ली: डेनमार्क के क्राउन प्रिंस फ्रेडरिक आंद्रे हेनरिक क्रिश्चियन (Denmark Crown Prince Frederik Andre Henrik Christian) और क्राउन प्रिंसेस, मैरी एलिजाबेथ (Mary Elizabeth) सोमवार को भारतपहुंचे। वे यहां 26 फरवरी से 2 मार्च तक रहेंगे।
भारत और डेनमार्क के बीच मजबूत होंगे मैत्रीपूर्ण संबंध
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने ट्विटर हैंडल से डेनिश शाही जोड़े के आगमन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शाही जोड़े की इस यात्रा से भारत और डेनमार्क के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध और मजबूत होंगे।
मैत्रीपूर्ण संबंध होंगे मजबूत
बागची ने ट्वीट किया, “द रॉयल हाइनेस क्राउन प्रिंस फ्रेडरिक और डेनमार्क की क्राउन प्रिंसेस मैरी 4 दिवसीय यात्रा के लिए भारत पहुंचे हैं। यह दो दशकों में डेनमार्क से पहली शाही यात्रा है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूत करेगा।”
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से करेंगे मुलाकात
विदेश मंत्रालय (MEA) ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अपनी यात्रा के दौरान डेनमार्क के क्राउन प्रिंस फ्रेडरिक आंद्रे हेनरिक क्रिश्चियन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ बैठक करेंगे। वह सीआईआई द्वारा आयोजित इंडिया-डेनमार्क: पार्टनर्स फॉर ग्रीन एंड सस्टेनेबल प्रोग्रेस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलेंगे।
आगरा भी जाएगा शाही जोड़ा
शाही जोड़ा आगरा और चेन्नई भी जाएगा और 2 मार्च को चेन्नई से प्रस्थान करेगा। डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन, पर्यावरण मंत्री मैग्नस हुनिके, और जलवायु, ऊर्जा और उपयोगिता मंत्री के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारी और एक उच्च-स्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल शाही जोड़े के साथ उनकी भारत यात्रा के दौरान जा रहा है।
दो दशको में शाही परिवार की पहली भारत यात्रा
डेनमार्क के शाही परिवार की ओर से दो दशकों में यह पहली यात्रा है। इससे पहले, क्राउन प्रिंस ने 2003 में भारत की यात्रा की थी। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, महारानी मारग्रेट II ने 2003 में क्राउन प्रिंसेस के रूप में भारत का दौरा किया था।MEA ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा, “भारत और डेनमार्क जीवंत और खुले लोकतंत्र के रूप में, नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के सामान्य मूल्यों और महत्वपूर्ण बहुपक्षीय मुद्दों पर विचारों के अभिसरण को साझा करते हैं। इस यात्रा से भारत और डेनमार्क के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूत करने और बढ़ाने की उम्मीद है।”