लखनऊ में डीएनए जांच के लिए कब्र से निकाला बालिका का शव
लखनऊ: राजाजीपुरम पारा में लापता 12 साल की बालिका की रहस्यमय हालात में हुई मौत के मामले में शनिवार को एसडीएम सरोजनीनगर प्रफुल्ल त्रिपाठी, एसीपी काकोरी सैय्यद मोहम्मद कासिम आब्दी व डाक्टर की टीम की मौजूदगी में कब्रिस्तान में मृतक बालिका की कब्र खोदकर डीएनए जांच के लिए सैम्पल लिए गए और परिजनों को एम्बुलेंस से सैंपल के लिए साथ ले गए।
पारा के सरोसा में बीते 22 अगस्त को रहस्यमय हालात में 12 वर्षीय बालिका का अर्धनग्न शव शारदा नहर में बरामद हुआ था और उसकी लैगिंग व चप्पल नहर से लगभग दो सौ मीटर दूरी पर जंगल में पड़ी मिली थी।
जिस पर परिजनों ने बालिका से दुष्कर्म कर हत्या का आरोप लगाया था। जहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बालिका की नहर में डूबने से मौत की पुष्टि हुई थी। बीते 23 अगस्त की शाम को बालिका का शव सरोसा गांव पहॅुचा था। यहां परिजनों ने बेटी का शव बदलने का आरोप लगाकर हंगामा किया था और शव लेने से मना कर दिया था।
इस पर पुलिस ने अन्य लोगों की मदद से बालिका का अंतिम संस्कार करा दिया था। घटना की जानकारी होनें पर कैबिनेट मंत्री स्वाती सिंह व अन्य कई दल के नेता सरोसा गांव पहॅुचे थे। कैबिनेट मंत्री स्वाती सिंह ने पुलिस से डीएनए टेस्ट कराने के लिए निर्देश दिए थे।
यह भी पढ़े: लखनऊ डबल मर्डर: नेशनल लेवल शूटर बेटी ने कबूली मां-भाई की हत्या
जिस पर पुलिस ने परिजनों से प्रार्थना पत्र लिया था। जिस पर जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने एसडीएम सरोजनीनगर प्रफुल्ल त्रिपाठी को मजिस्ट्रेट, रानी लक्ष्मी बाई अस्पताल के नेत्र सर्जन डा केपी सिंह, लैब टेक्निीशियन महेश चंद्र की टीम बनाई और शनिवार दोपहर टीम सरोसा गांव पहॅुची।
जांच के बाद दोबारा दफन कर दिया
टीम के गांव पहुंचते ही कब्रिस्तान के चारों ओर लोग जमा हो गए। वहीं, एसडीएम सरोजनीनगर प्रफुल्ल त्रिपाठी की मौजूदगी में प्रेमप्रकाश गुप्ता, जय सिंह, कमलेश ने कब्र खोदी। कब्र खोदने के बाद डॉ. केपी सिंह व लैब टेक्निीशियन महेश चंद्र ने पीपी किट पहनकर कब्र के अंदर उतरे और डीएनए जांच के लिए दांत व बाल के सैंपल लेकर दोबारा शव को दफन करवा दिया। वहीं परिजनों के सैंपल के लिए उनको एम्बुलेंस में बैठाकर रानी लक्ष्मी बाई अस्पताल ले जाया गया।