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TDS फाइल करने की डेडलाइन बढ़ी, टैक्सपेयर्स अब इस समय सीमा तक दे सकेंगे ब्‍योरा

नई दिल्‍ली : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने दूसरी तिमाही के लिए फॉर्म 26Q में तिमाही टीडीएस (quarterly TDS) विवरण देने की समयसीमा एक महीने बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है. सीबीडीटी ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा है कि संशोधित और अपडेटेड फॉर्म 26Q में टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) का विवरण देने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए दूसरी तिमाही का ब्योरा जमा करने की समयसीमा बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई है.

फॉर्म 26Q का इस्तेमाल वेतन से अलावा भुगतान (payment) पर टीडीएस के तिमाही रिटर्न का विवरण देने के लिए किया जाता है. इस फॉर्म में एक तिमाही के दौरान कुल भुगतान की गई राशि और उस पर की गई टैक्स कटौती का ब्योरा शामिल होता है. वित्त वर्ष 2022-23 की जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए यह फॉर्म जमा करने की समयसीमा 31 अक्टूबर को ही खत्म होने वाली थी. लेकिन अब इसे एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया है.

इसके अलावा आपको बता दें कि इनकम टैक्स विभाग ने पिछले महीने ऐलान किया था कि वन टाइम लोन सेटलमेंट के तहत लोन की माफी दी जाती है, तो उस पर किसी तरह का टीडीएस नहीं लगेगा. इस बार के बजट में लोन माफी पर टीडीएस का प्रावधान लाया गया था. लेकिन टैक्स विभाग ने साफ कर दिया कि लोन माफी योजना (loan waiver scheme) में अगर एक बार लोन सेटलमेंट किया जाता है तो बैंकों को कोई टीडीएस नहीं देना होगा. लोन स्कीम, बोनस और राइट्स शेयर इश्यू में भी यही नियम लागू होगा.

फाइनेंस एक्ट 2022 के तहत इनकम टैक्स एक्ट में एक नया सेक्शन 194आर शामिल किया गया है. इसमें 10 परसेंट टीडीएस काटे जाने का नियम बनाया गया है. लोन माफी में टीडीएस का यह नियम कैसे लागू होगा, इसे लेकर बैंकों ने अपनी आपत्ति जाहिर की थी. लोन के वन टाइम सेटलमेंट में टीडीएस लागू करने को लेकर बैंकों ने ऐतराज जताया था और टैक्स विभाग से इस मोर्चे पर राहत की मांग की थी. सरकार ने टैक्स चोरी रोकने के लिए सेक्शन 194आर का प्रावधान दिया है. उदाहरण के लिए कोई इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी बिजनेस का टारगेट पूरा करने वाले चैनल पार्टनर को गिफ्ट में एलसीसी टेलीविजन देती है.

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