अनलॉक-1: यूपी में खुले देवालयों के कपाट, उमड़े श्रद्धालु
दिशा निर्देशों के साथ प्रभु के भक्तों ने किया पूजन, खुदा के बन्दों ने पढ़ी नमाज
लखनऊ: महामारी कोरोना के कारण लगभग तीन महीने से भगवान के दर्शन को तरस रहे भक्तों के लिए सोमवार को फिर से भगवान के दीदार करने का मौका लोगों को मिला। लम्बे लॉकडाउन के बाद अनलॉक-1 के दूसरे चरण के तहत सोमवार से उत्तर प्रदेश प्रदेश में भी विभिन्न गतिविधियों का संचालन शुरू हो गया। जोखिम क्षेत्र यानी कि कंटेनमेंट जोन के बाहर धार्मिक स्थलों में जहां सुबह से ही चहल-पहल नजर आयी वहीं मॉल, बाजार, होटल व रेस्टोरेंटों में भी गतिविधियां शुरू हो गईं।
गोरक्षपीठाधीश्वर सीएम योगी ने किया गोरखनाथ मंदिर में पूजन
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। लोक कल्याण के लिए रुद्राभिषेक किया। उन्होंने गोरखनाथ मंदिर का निरीक्षण भी किया। पट खुलने पर गुरु गोरखनाथ का दर्शन करने के बाद मंदिर का भ्रमण किया। श्रद्धालुओं ने भी कतार में खड़े होकर दर्शन किये। इस दौरान गेट पर ही लोगों को सेनेटाइज किया जा रहा है। बिना मास्क के किसी को भी प्रवेश की इजाजत नहीं है।
लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में हुआ शिव-जलाभिषेक
राजधानी लखनऊ में प्रसिद्ध मनकामेश्वर महादेव मंदिर में स्वच्छता कार्य के बाद मंदिर के पट को दर्शन के लिए खोला गया। महंत देव्या गिरी ने यहां जलाभिषेक के लिए विशेष व्यवस्था की है। यहां श्रद्धालुओं ने सात फीट लम्बे अर्घ्य के जरिए भगवान शिव का जलाभिषेक किया। किसी को भी गृभगृह में शिवलिंग के पास जाने और उसे छूने की इजाजत नहीं है। मंदिर में स्वच्छता कार्य के उपरांत मंदिर के पट को दर्शन हेतु खोला गया। इस अवसर पर मंदिर की महंत देव्या गिरी और उनके भक्तगण मंदिर प्रांगण में मौजूद रहे।
घण्टे की आवाज के साथ खुला प्रसिद्ध हनुमान सेतु मंदिर
राजधानी के हनुमान सेतु मंदिर में भी दर्शन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था। श्रद्धालुओं को सामाजिक दूरी का पालन करते हुए दर्शन की इजाजत दी गई। घण्टे की आवाज के साथ प्रसिद्ध हनुमान सेतु मंदिर खुल गया। लम्बे समय के बाद खुले मंदिर परिसर की भव्य सजावट की गई। हनुमान सेतु मंदिर के बाहर कपड़े से की गई सजावट लोगों के आकर्षण का केंद्र भी था। सुबह से उधर से गुजरने वाले लोगों की नजर एक बार ही सही मंदिर की सजावट पर टिक जा रही थी।
सजावट के साथ देवालयों में हुआ भव्य श्रृंगार
शहर के अन्य देवालयों में भी सजावट और सिंगार कार्य हुआ। कुछ जगहों पर पूजन आरती के बाद मंदिर के पट खोले गए। चौक में बड़ी काली मंदिर, बुद्धेश्वर में बुद्धेश्वर महादेव मंदिर जैसे तमाम सिद्ध मंदिरों में मंदिर के पट खोले गए। इसके साथ ही दर्शन पूजन करने वालों की इक्का-दुक्का या कुछ मंदिरों में बड़ी संख्या भी दिखाई दी। बख्शी का तालाब स्थित प्रसिद्ध चंद्रिका देवी मंदिर के कपाट भी आज श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
इबादतगार बन्दों ने अदा की नमाज, पढ़ी दुआ
राजधानी में इबादतगाहों के दरवाजे भी सोमवार से नमाज के लिए खोल दिये गये। कोरोना को देखते हुए चटाई और दरी यहां हटा दी गई है। दरवाजे, खिड़कियों को भी सेनेटाइज किया गया। लखनऊ ईदगाह मस्जिद में भी लोगों ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए नमाज अदा की।
मस्जिद में प्रवेश करने पहले सभी की स्क्रीनिंग की गई। मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि शरीयत में हमें अपनी और दूसरों की जिन्दगी बचाते हुए इबादत करने की सहूलियत दी गई है। लोग एक दूसरे से दूरी बनाये रखें और घरों में वजू करके मजिस्द में मास्क लगाकर ही इबादत करें। राजधानी के यहियागंज गुरुद्वारे में भी सोमवार को रौनक लौट आई है। कई श्रद्धालु गुरुद्वारे में मत्था टेकने पहुंचे।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि में श्रद्धालुओं ने किये ठाकुर जी के दर्शन
मथुरा का श्री कृष्ण जन्म स्थान भी आज से भक्तों के लिए खुल गया। सुबह मंदिर के पट खुलते ही भक्तों ने ठाकुर जी के दर्शन किए। इस दौरान मंदिर प्रबंधन ने शारीरिक दूरी और सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया।
करीब ढाई महीने बाद अपने आराध्य के दर्शन कर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। पहले दिन ड्यूटी के दौरान श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मुख्य द्वार पर ड्यूटी पर तैनात सिपाही गश खाकर गिर पड़ा। सिपाही को तुरन्त एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल भिजवाया गया। सिपाही मुख्य द्वार पर आने वाले श्रदालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग कर रहा था।
अयोध्या के धार्मिक स्थल भी भक्तों से हुए गुलजार
अयोध्या में भी श्रद्धालुओं ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए दर्शन पूजन किये। रामजन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि गाइडलाइन के अनुसार ही रामलला का दर्शन भक्तों को सुलभ है। इसके साथ ही कनक भवन मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। हनुमानगढ़ी में लोग उमड़े। इस स्थल को बजरंगबली की प्राचीनतम पीठ होने का दर्जा हासिल है।
भक्तों को प्रसाद, फूल, माला चढ़ाने की अनुमति नहीं दी गई है। मंदिरों में भक्तों को सेनेटाइज करने की व्यवस्था भी की गयी है। कनकभवन, नाका हनुमानगढ़ी, दशरथमहल बड़ा स्थान, छोटी देवकाली, मणिरामदास की छावनी, श्रीरामबल्लभाकुंज, नागेश्वरनाथ, क्षीरेश्वरनाथ, जानकी महल, कालेराम, हनुमान गुफा, जानकीघाट बड़ास्थान सहित अन्य मंदिरों में भी श्रद्धलुओं ने पूजन किया। संभल स्थित चामुंडा देवी का मंदिर भी आज महीनों बाद भक्तों के लिए खोला गया। सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन कराते हुए यहां श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया।