बेटी के शव के साथ पांच दिन तक रहने वाले परिवार का सामने आया खौफनाक सच, तीन महीने से गेट पर लटका था ताला, खिड़की से आते-जाते थे घरवाले
प्रयागराज. प्रयागराज के करछना के डीहा गांव में बेटी के शव के साथ घर के भीतर बंद मिले परिवार के लोग अंधविश्वास में इस कदर घिरे हुए थे कि वह पालतू जानवरों को भी चारा-पानी नहीं देते थे। उनके पास छह जानवर थे लेकिन खाना नहीं मिलने पर भूख से तड़पकर उन्होंने एक-एक कर दम तोड़ दिया था। ग्रामीण अगर जानवरों को कुछ खिलाने की कोशिश करते थे, तो परिवारवाले उनसे भी झगड़ पड़ते थे। उधर, पोस्टमार्टम के बाद युवती के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। जबकि तीन बहनों को ससुराल भेज दिया गया।
डीहा गांव निवासी अभयराज के पास दो भैंस, दो गायें व दो बछड़े थे। गांववाले बताते हैं कि मवेशी काफी अच्छी नस्ल के थे। लेकिन अंधविश्वास के फेर में घरवालों ने उन्हें भी चारा-पानी देना बंद कर दिया था। जानवरों की बिगड़ती हालत देख एक बार जिला पंचायत सदस्य विजयराज यादव ने चारा भेजवाया तो परिवार के सदस्यों ने उसे फेंक दिया था।
ग्रामीणों के टोकने पर वह झगड़ा करने पर उतारू हो जाते और कहते कि देवी मां ही जानवरों को जिंदा रखेंगी। आखिरकार भूख से तड़प-तड़पकर एक-एक कर सभी जानवरों की मौत हो गई। हालत यह थी कि जानवरों की मौत के बाद परिवारवालों ने उनके शवों को भी हाथ नहीं लगाया। इसके बाद ग्रामीणों ने ही उन्हें दफनाया था।
अभयराज के परिवार की मनोदशा देखकर यदि कोई ग्रामीण उनके मदद को तैयार होता था तो परिवार के सदस्य उस पर आक्रामक हो जाते थे। ऐसा कई बार हो चुका था। इसके कारण कोई भी कभी मदद के लिए नहीं जाता था। ग्रामीणों का कहना है कि यह परिवार गांव के संभ्रात व पढ़े लिखे परिवारों में था। उसके पांच लड़कियां व तीन लड़के पढ़ने में काफी होशियार थे। पिता नैनी स्थित एक विवि में कार्यरत था और पारिवारिक वजहों से परेशान होकर उसने नौकरी छोड़ दी थी।
गांव में ही उनके पास आठ बीघा खेत था। गांववाले बताते है कि कुछ साल पहले अभयराज का परिवार इस तरह नहीं था। लेकिन चौथी बेटी बीनू की शादी के बाद से ही उनके परिवार में अचानक बदलवा आ गया और धीरे-धीरे सब कुछ बदल गया। बीते दो ढाई साल से परिवार झाड़फूंक के फेर में जकड़ गया और हर समस्या का समाधान उसे इसी में नजर आने लगा। इसी के साथ वह रिश्तेदारों से भी मतलब खत्म कर दिया था। न किसी के यहां जाते थे और यदि कोई रिश्तेदार इनके घर आ जाए तो उसे भगा दिया करते थे।
उधर मृतक अंतिमा के शव का पोस्टमार्टम बुधवार को हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उसकी मौत फेफड़ों में संक्रमण की वजह से हुई। संक्रमण बढ़ने के कारण सड़न भी होने लगी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह ‘डेथ ड्यू टु सेप्टीसेमिक शॉक एंड इंफेक्शन इन लंग्स’ बताई गई है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जिसके बाद दारागंज में अंतिम संस्कार कर दिया गया।